चंद्रकांत पारगीर, कोरिया। सोनहत भरतपुर विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्य लंबे समय से अधूरे एवं जर्जर स्थिति में हैं, इस ओर किसी का ध्यान नही जा रहा है। सोनहत क्षेत्र में शासन-प्रशासन स्तर पर कई शासकीय भवन स्वीकृत किए गए इनमें से अधिकांश भवन लंबे समय से अधूरे हैं और कुछ तो अधूरे में ही जर्जर होकर अब गिरने की कगार में है, लेकिन प्रशासन स्तर से संबंधित निर्माण एजेंसियों पर अभी तक कोई कार्यवाही नही की गई। सोनहत क्षेत्र के ग्राम पाराडोल चकडड़ में विगत 8 वर्षों से शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला चकडड़ के अतिरिक्त कक्ष का निर्माण कार्य अधूरा है, साथ ही यह निर्माण कार्य जहाँ तक हुआ है। वो भी पूर्ण रूपेण गुणवत्ता विहीन है। अतिरिक्त कक्ष में प्रयुक्त की गई ईटों की गुणवत्ता निम्न स्तर की है साथ ही निर्माण में बने कालमों में राड का भी उपयोग प्राकलन के विपरीत किया गया है। ग्रामीण मजदूरों की माने तो चकडड़ के इस अतिरिक्त कक्ष निर्माण में गांव के कुछ मजदुरों का मजदूरी भुगतान भी अभी तक नही हुआ है। इससे ग्रामीणों में रोष भी व्याप्त है।
धनपुर में प्रधानपाठक कक्ष अधूरा
प्राथमिक शाला धनपुर के प्रांगण में पिछले छ: सात वर्षो से प्रधान पाठक कक्ष निर्माणाधीन है जिससे भवन की कमी के कारण कई कार्य प्रभावित हो रहे है। ग्राम भरहीडी में भी स्कूल के अतिरिक्त कक्ष का निर्माण लंबे समय से अधूरा होने के कारण यहां के शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। ग्रामीणों ने भी उक्त भवन का निर्माण कार्य पूर्ण कराने की कई बार मांग की, लेकिन अभी तक कोई भी कार्यवाही नहीं किया गया है। इसी क्रम में माध्यमिक शाला केशगवां के प्रांगण में भी बन रहा भवन पिछले कई वर्षों से अधूरा पड़ा है। ग्रामीणों ने इसके पुन: निर्माण की मांग की है।
उप स्वास्थ्य केन्द्र भवन 12 साल से अधूरा
सोनहत क्षेत्र के सूदूर वनांचल क्षेत्र देवतीडांड़ में भी उप स्वास्थ्य केन्द्र भवन का निर्माण लंबे समय से अधूरा है। ग्रामीणों की माने तो 2005 के आसपास उप स्वास्थ्य केन्द्र भवन निर्माण की स्वीकृति हुई थी, लेकिन अभी तक निर्माण अधूरा ही है। वहीं दूर दराज वनांचल ग्राम में स्वास्थ्य सुविधा हेतु मैदानी हल्का में तैनात विभागीय कर्मचारी द्वारा कभी कभार सेवा प्रदान किये जाने से ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधा का लाभ नही मिल सका है। ग्रामीण राजालाल के अलावा अन्य ग्रामीणों ने बताया की उप स्वास्थ्य केन्द्र का विगत 2005 से निर्माण अधूरा पड़ा होने से ग्राम स्तर पर उल्टी-दस्त, बुखार से लेकर बीमारी हेतु नीम हकीमी व्यवस्था से दूर दराज क्षेत्रों में इलाज कराना बदस्तूर जारी है।
अधिकारी और जनप्रतिनिधि उदासीन
लंबे समय से अधूरे निर्माण कार्यो पर जहां प्रशासन कोई कार्यवाही नही कर रहा है वहीं क्षेत्र के जनप्रतिनिधि भी पूरी तरह उदासीन है। हांलाकि जनप्रतिनिधि आमसभाओं में विकास कार्य गिनाने से नही चूक रहे हैं, लेकिन लंबे समय से अधूरे इन निर्माण कार्यों पर बोलने या किसी तरह की जरूरी पहल कराने फिलहाल कोई आगे नही आ रहा है।
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