रायपुर। छत्तीसगढ़ के दौरे पर आए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने केंद्र सरकार पर राफेल मुद्दे को लेकर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरकार इस मुद्दे को अखबार और टीवी पर चलने नहीं देती।
कांग्रेस और बीजेपी शासन में फर्क ये है कि हमारे वक्त में टेलीविजन और अखबार को कभी छापने से रोका नहीं। लेकिन आजकल बीजेपी तय करती है कि क्या छपना है और क्या नहीं छपना। आज ऐसा वातावरण है जहाँ इमरजेंसी घोषित तो नहीं हुई है, लेकिन काम सभी इमेरजेंसी वाले हो रहे है।
उन्होंने कहा- ”पिछले डेढ़ महीने से आपने बहुत सारे नेशनल इशू की बातें सुनी होंगी और कई मुद्दे ऐसे हैं जिसके बारे में देश को जानना चाहिए। लेकिन मैं आज सिर्फ एक मुद्दे पर बात करने जा रहा हूँ। मुद्दे महँगाई, रुपए की कीमत घटना, समाज में दरार पड़ गई है, बेटियों की सुरक्षा का मुद्दा, ये मुद्दे किसी एक व्यक्ति या समाज के नहीं बल्कि पूरे देश के हैं। आज मैं राफेल डील पर बात करने आया हूँ, जो मोदी सरकार खरीद रही है उसमें स्कैम हुआ है और जो चर्चा होनी चाहिए वो नहीं हुई।”
गुलाम नबी आजाद ने कहा- ”आज़ादी के बाद देश में डिफेन्स का बहुत घोटाला हुआ है। हमने एक टेंडर किया जिसमें फ्रांस की कम्पनी तय की गई। हमे 126 लड़ाकू जहाज़ खरीदने थे, जिसमें से 18 जहाज खरीदने थे और बाकि हिंदुस्तान में बनने थे। फ्रांस की कम्पनी और हमारी देश की कम्पनी को मिलकर बनाने थे। इस तरीके से हम विमान को बनाने की तकनीक भी सीख जाते। हमारी सरकार ने ये एग्रीमेंट किया था।”
2014 में हमारी सरकार बदल गई और अप्रैल 2015 को मोदी फ्रांस जाते हैं। किसी ने कल्पना भी नहीं कि थी कि वहाँ लड़ाकू विमान के बारे में बात करेंगे। मोदी जी वहाँ के राष्ट्रपति से बात करते हैं और पुरानी यूपीए की डील को रद्द करते हैं और 126 जहाज के सिवाय सिर्फ 36 जहाज की बात करते हैं।
मोदी सरकार 1617 करोड़ में खरीद रही है हम 526 करोड़ में खरीद रहे थे। हमारे इस डील को लेकर कई सवाल थे, लेकिन सदन में हमे इसका जवाब नहीं मिला।
उन्होंने कहा- ”हमारे सवाल हैं आपने देश के साथ धोखा क्यो किया, जब 126 जहाज की जरूरत थी तो 90 जहाज कम क्यों किए ? अगर हमने जहाज की 526 करोड़ में बात की थी तो आप 1617 करोड़ क्यों देने को तैयार हुए। जब आप रोज कहते हैं कि मेक इन इंडिया तो इससे बड़ा मेक इन इंडिया क्या होता कि हमारी सरकारी कम्पनी जहाज बनाती और कई लोगों को रोजगार मिलता।
लेकिन आपने एक प्राइवेट कम्पनी को बिना टेंडर किए काम दे दिया। सुरक्षा सामान खरीदने के लिए कई तरह की कमेटी बनती है, लेकिन मोदी जी ने बिना किसी से पूछे ये टेंडर रदद् कर दिया।”
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