भिलाई। डेंगू के कहर ने दुर्ग-भिलाई शहर में अपना विकराल रूप धारण कर लिया। आए दिन किसी न किसी की जान डेंगू बिमारी से ग्रसित होने के कारण जा रही है। अब डेंगू शहर के बाद ग्रामीण क्षेत्र में कहर बरपा रहा है।
संवेदनशील भिलाई से 18 किलोमीटर दूर ग्राम अहेरी की कक्षा-6वीं की छात्रा काव्या जोशी (12)की जान ले ली। काव्या का पिछले पांच दिन से इलाज चल रहा था।
गुरुवार को रायपुर के निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मासूम ने दम तोड़ दिया।
बुखार की शिकायत पर उसे 9 सितंबर को चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज कचांदुर में भर्ती कराया गया था। स्थिति बिगडऩे पर 12 सितंबर को रायपुर रेफर किया गया। गुरुवार सुबह उसकी मौत हो गई।
जिसके बाद थनेश्वर जोशी ने मेडिकल कॉलेज प्रबंधन पर उचित इलाज नहीं करने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि यदि चिकित्सक समय पर स्थिति की जानकारी दे देते तो उनकी बेटी की जान बच सकती थी, लेकिन चिकित्सकों ने काव्या की तबियत ज्यादा खराब हो गई, तब जानकारी दी।
रायपुर के बालाजी चिकित्सालय लेकर गए। वहां आईसीयू में भर्ती कर इलाज किया गया, लेकिन चिकित्सक उन्हें नहीं बचा पाए। जोशी का कहना है कि जब वह अपनी बेटी को लेकर अस्पताल पहुंची थीं, तब उन्हें केवल बुखार की शिकायत की थी। जांच में डेंगू पाजीटिव होने की जानकारी दी।
भिलाई के खुर्सीपार, मरोदा से पैदा हुआ एडीज का लार्वा सीमावर्ती शहरों के अलावा गांवों तक पहुंच चुका है। दुर्ग, चरोदा, जामुल के बाद अब ग्रामीण क्षेत्र में पांव पसार रहा है। डेंगू से अब तक भिलाई के 41, दुर्ग शहर एक और चरोदा नगर पालिक निगम के दो लोगों सहित कुल 44 की जान जा चुकी है।
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