सुकमा: कोरोना महामारी के कारण पूरे विश्व में आई आर्थिक मंदी के बीच भी मानसून के आते ही खेतों में हलचल तेज हो गई है। आर्थिक मंदी के बूरे दौर में भी किसानों के हौसलों में किसी प्रकार की कमी नहीं देखी जा रही है, बल्कि किसानों का उत्साह बढ़ा हुआ दिखाई दे रहा है।
छत्तीसगढ़ शासन की किसान हितैषी नीतियों से उत्साहित सुकमा जिले के किसान इस साल दलहन-तिलहन फसल में भी रुचि दिखा रहे हैं। दरअसल किसानों के उत्साह का कारण छत्तीसगढ़ शासन की राजीव गांधी किसान न्याय योजना है, जिसे मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की सरकार द्वारा किसानों से किए गए अपने वादे को पूरा करने के लिए 21 मई को प्रारंभ किया।
इस योजना के तहत सुकमा जिले के 7933 किसानों को पहले किश्त के तौर पर पांच करोड़ 74 लाख रुपए का भुगतान किया गया। इसके साथ ही तीन किश्त और दिए जाएंगे। खेती किसानी की तैयारियों में जुटे किसानों के खातों में पहुंची इस राशि ने किसानों को राहत पहुंचाई और उनका उत्साह बढ़ गया।
खेती किसानी की तैयारियों में जुटे किसानों के उत्साह को देखकर कृषि विभाग द्वारा इस वर्ष पिछले साल की अपेक्षा लगभग डेढ़ हजार हेक्टेयर क्षेत्र में अधिक बुआई का अनुमान लगाया गया है। कृषि विभाग द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले साल सुकमा जिले ंमें जहां लगभग 94280 हेक्टेयर में खरीफ की फसल ली गई थी, वहीं इस साल 95830 हेक्टेयर क्षेत्रफल में खरीफ फसल लिए जाने का अनुमान है।
वहीं इसमें दलहन और तिलहन के रकबे में भी अच्छी खासी बढ़त का अनुमान लगाया गया है। इस जिले में पिछले साल किसानों ने 5615 हेक्टेयर क्षेत्रफल में अरहर, मूंग, उड़द, कुल्थी और अन्य दलहन की फसल ली गई थी, जो इस साल बढ़कर लगभग 8300 हेक्टेयर का अनुमान है। तिलहन की फसल भी पिछले साल 1855 हेक्टेयर में ली गई थी, जो इस साल बढ़कर 2440 हेक्टेयर होने का अनुमान है।
खेती किसानी के प्रति किसानों के उत्साह को देखते हुए कृषि विभाग द्वारा भी सभी तैयारियां की गई हैं। बीज भण्डारण के संबंध में बताया गया कि पिछले साल 6255 क्विंटल बीज का वितरण किया गया था। वहीं इस साल 6629 क्विंटल बीज की मांग की गई है। अब तक 3500 क्विंटल से अधिक बीज का वितरण किया जा चुका है और लगभग 3150 क्विंटल बीज उपलब्ध है।
पिछले वर्ष 1726 टन खाद की खपत को देखते हुए इस साल 2500 टन खाद के खपत का अनुमान लगाया गया है। वर्तमान में 1362 टन से अधिक खाद का वितरण किया जा चुका है और लगभग 700 टन खाद उपलब्ध है।
किसानों को खेती किसानी में किसी भी प्रकार की आर्थिक समस्या न आए, इसके लिए अधिक से अधिक किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से अल्पकालीन कृषि ऋण उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है।
जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार इस साल 4000 नए किसान क्रेडिट कार्ड बनाए जाने का लक्ष्य रखा गया था और अब तक 1300 से अधिक नए केसीसी जारी किए जा चुके हैं। खेती किसानी के लिए इस साल 21 करोड़ 80 लाख रुपए ऋण उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है और अब तक 3051 किसानों को लगभग 10 करोड़ 87 लाख रुपए बिना ब्याज का कृषि ऋण उपलब्ध कराया जा चुका है।
जिले में इस साल कृषि के रकबे में होने वाली वृद्धि से कोरोना वायरस के कारण दूसरे राज्यों से वापस लौटने वाले मजदूरों को भी स्थानीय रोजगार उपलब्ध होने की संभावना है।
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