रायपुर। भाजपा नेता और दुर्ग जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष प्रीतपाल बेलचंदन से करोड़ों की आर्थिक अनियमितता के मामले में आर्थिक अपराध शाखा ने पूछताछ की है। सोमवार को प्रीतपाल ने खुद न उपस्थित होकर अपने प्रतिनिधि को भेजा था। उन पर आरोप है कि सहकारी समितियों के निर्वाचन के मामले में कुछ कर्मचारियों-अधिकारियों के साथ मिलकर 8 करोड़ रुपए की आर्थिक अनियमितता की थी। मामले में जांच में दोषी पाए गए चार लोगों के खिलाफ दुर्ग पुलिस एफआईआर दर्ज की थी। उन्होंने सरकार को इस मामले में एसआईटी गठित करने की भी सलाह दी है।
समितियों के निर्वाचन में हुए घोटाले से जुड़े इस बेहद गंभीर मामले में सहकारिता विभाग की ओर से गृह मंत्रालय को जांच रिपोर्ट प्रेषित कर
पुलिस पर इस मामले को दबाने के गंभीर आरोप लगाए गए थे। प्रीतपाल का नाम भाजपा द्वारा दुर्ग लोकसभा सीट के लिए बनाए गए पैनल में भी था और वो 2008 में विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं ।
पिछली भाजपा सरकार में सहकारिता मंत्री भी इस मामले में पुलिस द्वारा समुचित कार्रवाई न करने पर अप्रसन्नता जाहिर की थी।
इस मामले में पंजीयक जेपी पाठक द्वारा लिखे गए पत्र में यह कहा गया गया है कि मंत्री ने अनियमितता की जांच में दोषी पाए जाने के बावजूद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई न होने से अप्रसन्नता व्यक्त की है। इस सम्बन्ध में जब दुर्ग के पूर्व एसपी संजीव शुक्ला से बात की गई तो उन्होंने अनभिज्ञता प्रगट की।
एफआईआर दर्ज किये जाने के पांच साल बाद तत्कालीन सचिव गृह विभाग डीडी सिंह ने गृह सचिव को पत्र लिखकर कहा था कि सहकारी समितियों के हुए निर्वाचन में भारी अनियमितता में दोषी पाए गए बेलचंदन और एक अन्य का नाम एफआईआर में शामिल नहीं किया गया है। इस पत्र में अप्रैल 205 के इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश का भी हवाला दिया गया, जिसमें पुलिस द्वारा जांच कर यथोचित कार्रवाई करने की बात कही गई है।
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