रायपुर। समाज में जो बदलाव आ रहा है उसके लिए हमारा संस्कार से दूर होना जिम्मेदार है। अगर भारतीयता को देखें तो हमारा मूल संस्कार ही है इससे दूरी ही बहुत सी समस्याओं को जन्म दे रही है। उनसे बचने के लिए संस्कार को महत्व देना जरुरी है। राजधानी के देवेन्द्रनगर स्थित पाटीदार भवन में रविवार को राष्ट्रीय सेवक संघ के प्रचार विभाग द्वारा कार्यकर्ता परिवार मिलन समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें उक्त बातें प्रांत प्रचारक प्रेमजी शंकर ने कहीं। उन्होंने कहा कि समाज में विभिन्न तरह की घटनाएं देखने को मिल रही है, जिसका सबसे बड़ा कारण हमारा संस्कारों से विमुख होना है। उन्होंने कहा कि परिवार का एक साथ रहना कई परेशानियों का अंत स्वंय ही कर देता है। आज हम एक साथ तो रहते हैं, लेकिन अलग-अलग जीवन जी रहे हैं।
प्रांत प्राचरक ने कहा जब हम घर से बाहर होते हैं तो हमारे साथ परिवार का कोई सदस्य नहीं होता, लेकिन संस्कार हमेशा हमारे साथ होते है, इसलिए बच्चों को सिखाए कि क्या गलत है और क्या सही। उनमें कूट-कूट कर संस्कार भरे। अगर यह काम हमने कर लिया तो राष्ट्रीयता का भाव में उनमें अपने आप जाएगा, क्योंकि हमारा संस्कार हमें राष्ट्रीय का बोध भी कराता हैं। समारोह को प्रांत सह संघचालक पूर्णेन्दू सक्सेना ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि इस समारोह का उद्देश्य लोगों को जागरुक करना है कि सही और गलत क्या है। उन्होंने कहा कि अभी एक बड़ा वर्ग ऐसा है, जिसके पास सही खबरें नहीं पहुंच पा रही है, यानी सही दृष्टिकोण से वे वंचित है। उन तक हमें पहुंचना है, जिससे उन्हें यह समझाया जा सके कि सही क्या है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय विचारों का भी सभी तक पहुंचना जरुरूी है। श्री सक्सेना ने मातृशक्ति के संबंध में कहा कि दृष्टिकोण को घर-घर तक पहुंचाने में मातृशक्ति की बहुत अमह भूमिका हो सकती है। समारोह के दौरान पाठक सम्मेलन, सोशल मीडिया और टीवी दर्शकों के लिए एक कार्यशाला का भी आयोजन किया गया।
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