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PM मोदी पर मानहानि का केस करेंगी कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी! बोलीं- मुझे सुर्पनखा कहा था

कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी को सूरत की कोर्ट ने मानहानि मामले में दोषी ठहराया है. उन्हें दो साल की सजा सुनाई गई है. कोर्ट के सजा सुनाने के साथ ही कांग्रेस कार्यकर्ता सड़क पर उतर गए और जमकर नारेबाजी की. मामले को लेकर सियासत जारी है. इस सबके बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराने की बात कही है.

रेणुका चौधरी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर पीएम मोदी के संसद में भाषण का एक वीडियो ट्वीट किया है. दरअसल, यह वीडियो 2018 में संसद सत्र के दौरान है. तब पीएम मोदी संसद को संबोधित कर रहे थे और तब सभापति ने कांग्रेस सांसद को शांत रहने के लिए कहा था. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था, “सभापति जी… आप रेणुका चौधरी जी को मत रोकिए. रामायण सीरियल के बाद ऐसी हंसी सुनने का आज मौका मिला है.”

अब इस वीडियो को ट्वीट करते हुए रेणुका चौधरी ने ट्विटर पर लिखा कि पीएम मोदी ने उन्हें सदन में सूर्पनखा कहकर संबोधित किया था. मैं उनके खिलाफ मानहानि का केस करूंगी. देखते हैं कोर्ट कितनी तेजी से काम करती हैं.

राहुल गांधी को किस मामले में हुई सजा?
बता दें कि राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा चार साल से सूरत कोर्ट में चल रहा था. 2019 में राहुल गांधी ने कर्नाटक की चुनावी रैली में विवादित बयान दिया था. रैली कर्नाटक के कोलार में थी और उन्होंने मोदी सरनेम पर टिप्पणी की थी. गुजरात के बीजेपी नेता और विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल के बयान के खिलाफ केस कर दिया था. केस मानहानि का था और सूरत की कोर्ट में किया गया था. जिसको लेकर अब कोर्ट ने राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई है.

जानें क्या होती है मानहानि
भारत के संविधान के तहत भारत के हर नागरिक को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता मिली है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि आपको किसी को अपमानित करने का अधिकार भी मिल गया है. आईपीसी की धारा 499 में ‘मानहानि’ को डिफाइन किया गया है. इसके अनुसार अगर कोई बोलकर, लिखकर, पढ़कर, इशारों या तस्वीरों के जरिए किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा पर लांछन लगाता है तो इसे मानहानि माना जाएगा. इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर बोलकर, लिखकर, पढ़कर, इशारों या तस्वीरों-वीडियो के जरिए किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा पर लांछन लगाता है तो वो भी मानहानि के दायरे में आता है.

इसी धारा में मृत व्यक्ति की मानहानि का भी जिक्र है. इसके तहत, किसी मृत व्यक्ति को भी मानहानि के योग्य माना गया है. मृत व्यक्ति के करीबी रिश्तेदार-नातेदार इसके लिए मुकदमा भी चला सकते हैं. किसी टिप्पणी या शब्दों के जरिए मृत व्यक्ति के सम्मान और प्रतिष्ठा को क्षति पहुंचाई जाती है तो वो भी मानहानि मानी जाएगी. मानहानि के लिए टिप्पणी या बयान का ‘आपत्तिजनक’ होना जरूरी है. अब आपत्तिजनक क्या होगा? इसका फैसला अदालत करेगी.

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