रेलवे बोर्ड ने एमएसटी शुरू कर दी है, लेकिन इसे एक्सप्रेस और सुपर फास्ट के लिए शुरू नहीं किया है। पहले जहां दुर्ग और रायपुर के बीच लोकल और पैसेंजर ट्रेनों की संख्या 16 थी, वहीं अब घटकर 10 हो गई है। इसमें से भी दो से तीन ट्रेन अक्सर रद्द रहती हैं। पहले 23 एक्सप्रेस ट्रेनें दुर्ग से निकलती थीं। इन दिनों 15 एक्सप्रेस ट्रेनें चल रही हैं। एमएसटी की सुविधा इन ट्रेनों में नहीं मिल रही है।
एमएसटी से उनका रायपुर आना-जाना 6 रुपए में हो जाएगा, वहीं इन दिनों उन्हें बस, कार या फिर बाइक में औसतन हर दिन 250.62 रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं। दुर्ग से 3780 दैनिक यात्री 25.76 करोड़ खर्च कर चुके हैं। ये वो यात्री हैं, जो पहले एमएसटी से सफर करते थे। एमएसटी से 15.83 लाख रुपए ही खर्च होते।
बस, टैक्सी और स्वयं की कार, बाइक में हो रहा अतिरिक्त खर्च
1.बस
परिवहन विभाग ने दुर्ग से रायपुर तक का बस का किराया इन दिनों 51.25 रुपए रखा है। इस तरह आना और जाना दोनों मिलाकर यह रकम 102.50 रुपए होता है। इसमें भी एमएसटी की तुलना में 96 रुपए अधिक खर्च किए जा रहे हैं।
2.टैक्सी
दुर्ग से रायपुर तक की दूरी 40 किमी है। ट्रैवल एजेंसियां 12 रुपए प्रति किमी की दर से किराया ले रही हैं। यह राशि 480 रुपए होती है। आने-जाने के 960 रुपए होते हैं। टैक्सी में औसतन 8 यात्री होते हैं। प्रत्येक यात्री को यह 120 रुपए पड़ता है।
3.बाइक/कार
पेट्रोल 111.85 रुपए लीटर है। एक गाड़ी 60 किमी प्रति लीटर का औसत से चलती है तो 80 किमी के सफर में 180 रुपए खर्च हो रहे हैं। कारों की औसत 15 से 20 किमी प्रति लीटर है। 80 किमी 5.5 ली. पेट्रोल में 600 रुपए खर्च होता है।
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केस-1: पहले 150 रुपए में काम चल जाता था
ऑटोमोबाइल कंपनी के सेल्स मैनेजर उमेश पुरी गोस्वामी ने बताया कि एमएसटी होने पर पहले 150 रुपए में महीने भर दुर्ग से रायपुर आना जाना हो जाता था। अब उसके लिए हर दिन 150 रुपए खर्च हो रहे हैं।
केस-2: अभी हर दिन 600 रुपए खर्च हो रहा : दीपक
निजी कंपनी के डिप्टी मैनेजर दीपक साहू ने बताया कि एमएसटीच में पहले 150 रुपए खर्च होते थे। अभी एक्सप्रेस ट्रेनों में परमिशन नहीं है। कार से जाना पड़ रहा है। हर दिन 600 रुपए खर्च हो रहे हैं।
केस-3: हर दिन बस वाले को 100 रुपए देने पड़ रहे
रायपुर के निजी अस्पताल में टीसी पीएनडीटी काउंसलर भीरू पांडेय ने बताया कि पहले ट्रेन में आने जाने में मैं सिर्फ 150 रुपए खर्च करती थी। इन दिनों बस में हर दिन आने और जाने का 51.25 -51.25 रुपए देना पड़ रहा है।
समाधान: रायपुर से दुर्ग 9.30 पर और दुर्ग से रायपुर 9.45 को एक-एक ट्रेन चलाएं
3 साल पहले तक 6596 एमएसटी औसतन बनते थे। वर्तमान में इनकी संख्या 2816 रह गई है। 3780 ऐसे हैं जो इस समय एमएसटी से सफर नहीं कर पा रहे। वजह यह है कि उनके दफ्तर, स्कूल, कॉलेज जाने के समय में ट्रेन उपलब्ध नहीं है। उन्हें टैक्सी, बस, कार, बाइक से आवाजाही करनी पड़ रही है। सुबह और शाम यदि पुराने समय में ट्रेनें चलें तो समस्या का समाधान हो सकता है।
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