रविश अग्रवाल, बलरामपुर। रामानुजगंज में जीवनदायनी कही जाने वाली कनहर नदी के तट पर चैत्र मास के छठ का महा पर्व बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया, इस अवसर पर नगर पंचायत अध्यक्ष रमन अग्रवाल द्वारा छठ करने वाले महिला व पुरुष के सुपलों पर फल वितरित कर आशीर्वाद प्राप्त किया। पिछले डेढ़ दशक से चैत्र छठ पूजा का स्वरूप पुरे देश मे बढ़ता जा रहा है। सूर्य उपासना के इस पर्व को नगरवासियों द्वारा बहुत ही भक्ति भाव से मनाया जाता है जिसमें श्रद्धालुओं का तांता लगता है यह पर्व तीन दिनों तक मनाया जाता है।
आज उपासी महिलाएं, श्रद्धालु शाम का डूबता सूर्य को अध्र्य देकर जल घाट में जग कर पूजा अर्चना करती है और सुबह उगते सूर्य को अध्र्य देकर प्रसाद ग्रहण करती है और व्रत का समापन करती है, छठ का व्रत सूर्य की उपासना का व्रत है। हमारी जीवन शक्ति के प्रतीक सूर्य को द्दो बार अध्र्य दिया जाता है। शाम को और अगले दिन सुबह को। यह मात्र कृतज्ञता है उस शक्ति के प्रति जो जीवन का सार है।
जिसने जीवन दिया उस सूर्य के प्रति शाम के अर्घ में कृतज्ञता है और जो भविष्य की आशा का प्रतीक बनकर सुबह नए सबेरा के साथ उगा उसके प्रति हमारी अप्रतिम निष्ठां, विश्वाश और श्रद्धा के साथ अर्घ देकर हम अपना जीवन को सात्विक रखने का संकल्प लेते हैं। इस व्रत में अत्यधिक सात्विकता है और लोग कठोरतम तरीके से उस अनुशाशन का पालन करते हैं! चार दिवसीय छठ पूजा में व्रती के हर आचरण का सम्बंध प्रकृति व पर्यावरण से भी है। यह पूजा पूरी तरह से वैज्ञानिक महत्व वाली और प्रदूषण मुक्त है। लोक आस्था के कारण छठ पुजा जितना पवित्र है उससे कहीं अधिक विज्ञान ने उसे तार्किक और फलदायी बनाया है। बलरामपुर जिले के आस पास आयोजित होने वाले इस महापर्व मे इस बार प्रशासन ने शांति व्यवस्था को नियंत्रण करने वाले सक्षम अधिकारियों को विभिन्न पूजा स्थलों के लिए तैनात किया है।
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