कोरबा: बीते नवरात्र की तरह इस बार भी मां महिषासुर मर्दिनी मंदिर चैतुरगढ़ का दरबार उनके भक्तों के लिए बंद रहेगा। यहां न तो देवी भक्तों के नाम मनोकामना ज्योत जलेंगे और न ही लोग पहाड़ ऊपर चढक़र माता की पूजा अर्चना कर पाएंगे। यह निर्णय मंदिर संचालन समिति ने लिया है।
उधर शहर से लगे हसदेव नदी किनारे स्थित मां सर्वमंगला व मां भवानी मंदिर के दरबार में श्रद्धालु कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए पूजा अर्चना कर सकेंगे। इसी तरह की व्यवस्था मां मड़वारानी सेवा समिति द्वारा भी की गई हैए इसलिए यहां पहुंचने पर श्रद्धालुओं को निराश नहीं होना पड़ेगा।
सोशल डिस्टेंसिंग के साथ लोग दर्शन कर पाएंगे। शारदीय नवरात्र 7 अक्टूबर से शुरू हो जाएगी। 9 दिनों तक देवी आस्था में डूबने के लिए भक्तों के पास अब केवल 2 दिन ही शेष रह गए हैं। लोग अपने सामथ्र्य व श्रद्धा के अनुसार देवी मां की पूजा अर्चना में जुट जाएंगे। अंचल के लोगों के साथ अन्य जिले के बाहर व राज्यों के लोगों के लिए यहां के देवी दरबारों के प्रति अटूट आस्था वर्षों से बनी हुई है।
ऐसे में ये भक्त हर बार शारदीय व चैत्र नवरात्र में माता की शरण में शीश झुकाने पहुंचते हैए लेकिन बीते साल कोविड संक्रमण के कारण देवी मां के भक्तों को निराश होना पड़ा थाए क्योंकि दरबार बंद थे। चैत्र नवरात्र में थोड़ी राहत दी गईए लेकिन श्रद्धालु पूर्व की तरह नहीं पहुंचे। इस नवरात्र में जिला प्रशासन की ओर से बड़ी राहत दी गई है। जिससे समझा जा रहा है कि इस बार देवी मां की पूजा में लोगों की भीड़ जुटेगी। जिसे मंदिर प्रबंधन को व्यवस्थित करना होगा।
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