दिल्ली सरकार के हलफनामे के मुताबिक, रजिस्टर्ड कंस्ट्रक्शन वर्कर्स को 5 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी. वहीं प्रवासी मजदूरों की पहचान और मदद के लिए एक कमिटी गठित की जाएगी.0देश की राजधानी में दिल्ली सरकार ने मंगलवार को हाई कोर्ट में मजदूरों को 5 हजार रुपये की मदद देने का हलफनामा दायर किया. बता दें कि कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों के चलते एक हफ्ते के लॉकडाउन के ऐलान के बाद बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर दिल्ली से वापस अपने घरों की ओर रवाना होना शुरू हो गए हैं.
प्रवासी मजदूरों का पलायन शुरू
जान लें कि दिल्ली में रेलवे स्टेशन और बस अड्डे पर यूपी, बिहार, झारखंड और अन्य प्रदेशों के प्रवासी मजदूर बड़ी संख्या में मौजूद हैं. वो अपने घर जाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्हें डर है कि दिल्ली सरकार ने जो एक हफ्ते का लॉकडाउन लगाया है वो और बढ़ सकता है. दिल्ली में 20 अप्रैल को शुरू हुआ लॉकडाउन 26 अप्रैल तक जारी रहेगा.
हाई कोर्ट ने दिया था ये निर्देश
बता दें कि हाई कोर्ट ने 19 अप्रैल को दिल्ली सरकार को निर्देश जारी करते हुए कहा था कि मजदूरों को जरूरी चीजें उपलब्ध करवाएं. लॉकडाउन की वजह से उन्हें परेशानी नहीं होनी चाहिए. इसके बाद मजदूरों को आर्थिक मदद देने का फैसला किया गया.
दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (DDMA) ने कहा कि केजरीवाल सरकार के आदेश के मुताबिक दिहाड़ी मजदूरों और प्रवासी मजदूरों को राजधानी में शेल्टर, खाना, पानी और मेडिकल सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी.
दिल्ली सरकार के हलफनामे के मुताबिक, रजिस्टर्ड कंस्ट्रक्शन वर्कर्स को 5 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी. वहीं प्रवासी मजदूरों की पहचान और मदद के लिए एक कमिटी गठित की जाएगी और फिर उनकी मदद की जाएगी.
प्रवासी मजदूरों के लिए गठित की जाने वाली कमिटी में 7 सदस्य होंगे. इसमें सीनियर अधिकारियों को शामिल किया जाएगा. कमिटी मजदूरों की आर्थिक मदद के साथ-साथ उनके खाने-पीने, मेडिकल सुविधा और शेल्टर आदि सभी चीजों का ध्यान रखेगी.
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