बीते वर्ष की तरह कोरोना संक्रमण काल को व्यापारी एक अवसर के रूप में ले रहे है। एक दिन की तालाबंदी में ही व्यापारियों ने गुटखा, तंबाकू और सिगरेट की कीमतों में एक बार फिर बेतहाशा वृद्धि कर दी है। जिसके चलते थोक विक्रेताओं की मनमानी का खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है।
दरअसल पिछले साल मार्च में, जब कोरोना वायरस ने अपने पैर पसारने शुरू किए ओर सरकार ने लॉक डाउन की घोषणा कर दी थी। तब खाद्य और दवाओं जैसी आवश्यक वस्तुओं के अलावा अन्य वस्तुओं की आपूर्ति प्रभावित हुई। जिसका बड़े व्यापारियों ने खूब फायदा उठाया। ओर पांच रुपये वाला गुटखा 25 रुपये तक में बेचा गया। चूने के साथ वाला तंबाकू भी 5 गुना कीमत पर बेचा गया था। सिगरेट और बीड़ी के दाम भी दोगुने से ज्यादा थे। व्यापारियों द्वारा पिछले साल लॉकडाउन में की गई मोटी कमाई को कोई नहीं भूला है। अब जब कोरोना का संक्रमण इस साल फिर से बढ़ने लगा और सरकार ने अभी एक दिन के लॉक डाउन की घोषणा की है।तो व्यापारियों को बड़ा मुनाफा कमाने का रास्ता मिल गया।
दरअसल, एक दिन के लॉक डाउन की घोषणा होते ही गुटखा, तंबाकू और सिगरेट के दाम बढ़ने लगे हैं। अभी पांच रुपये का गुटखा सात रुपये में, छह रुपये की सिगरेट दस रुपये में और पांच रुपये वाले तंबाकू को आठ रुपये में बेचा जा रहा है। छोटे दुकानदारों की माने तो थोक व्यापारियों द्वारा उन्हें बहुत महंगा सामान दिया जा रहा है।जिसमें वे लोग अपना मुनाफा जोड़कर बेच रहे हैं। उपभोक्ताओं की समस्या को लेकर खाद्य विभाग के अधिकारी लापरवाह बने हुए हैं। दुकानों पर छापेमारी का अभियान बंद हो गया है।
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