आईएमडी ने एडवाइजरी जारी कर लोगों से घर के अंदर रहने खिड़कियों और दरवाजों को बंद रखने और अनावश्यक यात्रा से बचने का आग्रह किया है। मौसम विभाग के अनुसार दिल्ली-एनसीआर में आज तेज रफ्तार से धूल भरी आंधी बारिश और तेज हवाएं चलने की आशंका है। जबकि बंगाल ओडिशा झारखंड बिहार एवं छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में हफ्ते भर से लू की स्थिति बनी हुई है।
देश का मौसम अजब पहेली बनता जा रहा है। झमाझम बारिश के लिए पहचाने जाने वाले पूर्वी राज्यों में भीषण लू चलने का अनुमान है जबकि चिलचिलाती गर्मी वाले दिल्ली और आसपास के इलाके बारिश की शीतलता का अहसास कर रहे हैं। एनसीआर में मंगलवार की शाम बारिश से लोगों को भले ही राहत मिली हो, लेकिन बुधवार से देश के अधिकांश भाग का तापमान चढ़ने वाला है।
उत्तर भारत के अन्य हिस्सों का मौसम गर्म
उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से, बिहार, ओडिशा एवं झारखंड में ‘हीट वेव’ की स्थितियां हैं, जो धीरे-धीरे तेज हो रही हैं। मौसम विभाग का मानना है कि एक हफ्ते के दौरान दिल्ली के आसपास के क्षेत्रों में लू की आशंका नहीं है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार बुधवार से एक हफ्ते के दौरान उत्तर भारत के अन्य हिस्सों का मौसम गर्म हो सकता है और तापमान 40 डिग्री के पार पहुंच सकता है।
शुष्क मौसम से लोगों की परेशानी बढ़ रही
फिलहाल पूर्वी भारत के कई हिस्सों में अगले पांच दिनों के दौरान भीषण लू का अलर्ट जारी किया गया है। एक-दो दिनों में अरुणाचल प्रदेश में कहीं-कहीं बारिश की स्थितियां बन सकती हैं। देश के पूर्वी राज्यों बंगाल, ओडिशा, झारखंड, बिहार एवं छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में हफ्ते भर से लू की स्थिति बनी हुई है। शुष्क मौसम से लोगों की परेशानी बढ़ रही है।
दिल्ली-एनसीआर में बदलता रहेगा मौसम
जबकि चुनावी माहौल के बीच दिल्ली के नजदीकी इलाकों (एनसीआर) में मौसम ना सिर्फ सुहावना हो गया है, बल्कि यदाकदा रिमझिम भी जारी है। यह राहत की बात इस लिहाज से भी है कि 26 अप्रैल (शुक्रवार) मतदान का दिन है। जबकि मध्य प्रदेश के अधिकतम तापमान में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है। मौसम विभाग का मानना है कि इसमहीने देश के कई हिस्सों में लू की स्थितियां लंबे समय तक बनी रह सकती हैं।
तीन हफ्ते तक लू की स्थिति बन सकती है
यह अवधि आठ दिनों की भी हो सकती है। सामान्य तौर पर जून में चार दिनों तक लू चलती है, लेकिन इस बार तीन हफ्ते तक लू की स्थिति बनी रह सकती है। लू की स्थिति तब पैदा होती है, जब मैदानी इलाकों का अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच जाता है। पर्वतीय क्षेत्रों में 30 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंचने पर लू-लपट चलने लगती है।
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