बलरामपुर,पवन कश्यप-:छत्तीसगढ़ राज्य बाल संरक्षण समिति संचालनालय महिला एवं बाल विकास विभाग तहत बाल श्रम( प्रतिषेध और विनियमन) संशोधन अधिनियम 2016 की धारा(2) के अनुसार किसी भी बच्चें से कार्य कराने पर पाबंदी है। कूड़ा बीनने एवं सफाई के कार्य को अधिनियम के तहत् खतरनाक व्यवसाय की श्रेणी में रखा गया है।
उपरोक्त के तारतम्य में यह आवश्यक है कि बाल श्रमिक, कूड़ा-कचरा बीनने के व्यवसाय तथा भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों की पहचान कर उन्हें संरक्षण प्रदान किया जाये तथा उनके शिक्षा एवं अन्य सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध करायी जाये साथ ही उनके परिवार को भी शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाते हुए उनके प्रशिक्षण एवं रोजगार की व्यवस्था कराया जाना है।
बाल श्रमिक, अपशिष्ट संग्राहक तथा भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों को सर्वेक्षण एवं रेस्क्यू हेतु अभियान 15 दिसम्बर 2020 से 15 जनवरी 2021 तक संचालन किये जाने के निर्देश दिया गया है।
इस संबंध में अपर कलेक्टर विजय कुमार कुजूर की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। बैठक में सचिव जिला बाल संरक्षण समिति(कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग) के द्वारा बाल श्रमिक, अपशिष्ट संग्राहक तथा भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों के सर्वेक्षण एवं रेसक्यू हेतू अभियान 15 दिसम्बर 2020 से 15 जनवरी 2021 तक संचालित किये जाने के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। बैठक में बच्चों को सर्वेक्षण एवं रेस्क्यू हेतु पुलिस विभाग, श्रम विभाग, नगर पालिका, पंचायत विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग के आपसी समन्वय से समिति का गठन किया गया है।
अपर कलेक्टर श्री कुजूर ने गठित समिति को 15 दिसम्बर 2020 से 15 जनवरी 2021 तक जिले के समस्त क्षेत्रों में बाल श्रमिक, अपशिष्ट संग्राहक तथा भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों के सर्वेक्षण एवं रेसक्यू हेतु अभियान संचालित करते हुए सर्वे रिर्पोट संबंधित विभाग को उपलब्ध कराने हेतु निर्देशित किया है।
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