रायपुर। प्रदेश में बैठी कांग्रेस सरकार ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लेकर राज्य में खुशहाली लाने का प्रयास की हैं। लेकिन स्वास्थ्य से जुड़े मामले में अब भी मुख्यमंत्री के चक्कर लगाने मोहताज है हितग्राही। स्वास्थ्य विभाग में कई महत्वपूर्ण योजनाएं चलाई जा रही हैं। जिसमें एक है संजीवनी योजना। इस योजना के तहत शासन द्वारा गंभीर बीमारी के लिए राशि स्वीकृत करती हैं।
लेकिन कुछ नियमों के चलते हितग्राहियों को शिथिल की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता हैं। जिसके चलते मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिलने के लिए उनके निवास के चक्कर लगाने पड़ते हैं। वहीं शिथिल के कुछ प्रकरण अब भी लंबित है जिसके के लिए मुख्यमंत्री के निज सचिव, ओएसडी से संपर्क कर प्रकरण की जानकारी लेने का प्रयास जाता है लेकिन संबंधित जवाबदार व्यक्तियों द्वारा फोन नहीं उठाया जाता हैं।
जिसके चलते लोग गुमराह हो रहे हैं। मुख्यमंत्री निवास के चक्कर लगाने के चलते अब लोगों का मोह भी भंग होने लगा हैं। क्योंकि जवाबदार ही जवाबदारी से मुंह मोड़ रहें हैं। जबकि प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल का कहना है जनहित के कार्य में किसी प्रकार की कोई लापरवाही बरर्दास्त नहीं की जाएगी।
बलौदाबजार से आए मंजू नेवले व महासमुंद के योगेन्द्र यदु ने बताया कि पिछले एक सप्ताह से शिथिल के प्रकरण के लिए मुख्यमंत्री निवास के चक्कर लगा रहें। ओएसडी से बात करने पर उन्होंने काउंटर में पेपर छोडऩे को कहा लेकिन सप्ताह बीत जाने के बाद भी प्रकरण की कोई जानकारी नहीं मिल रही हैं न ही फोन उठाया जाता हैं।
वहीं कुछ लोगों का कहना है कि शिथिलीकरण की प्रक्रिया में बदलाव करते हुए यह दायित्व स्वास्थ्य मंत्री टी.एस.सिंहदेव को दे देना चाहिए क्योंकि मामला स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ हैं। इससे लोगों को शिथिल कराने के लिए मुख्यमंत्री के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे और संबंधित हितग्राहियों को समय पर इसका लाभ मिल जाऐगा।
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