रायपुर। झीरम कांड में शहीद हुए स्व. महेंद्र कर्मा के पुत्र को भूपेश कैबिनेट में डिप्टी कलेक्टर बनाने का जब से निर्णय लिया गया है। विपक्षीयों ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया हैं। वहीं इस मामले में एनएसयूआई के प्रदेशाध्यक्ष आकाश शर्मा ने कहा कि आशीष कर्मा को नौकरी देने पे बेवजह हंगामा बरपाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के भांजे वाय. पी. सिंह जो कि बीएसएफ में कार्यरत थे,उनका छत्तीसगढ़ पुलिस में विलय कर लिया गया और उनकी जॉइनिंग 196 से दिखाते हुए उनको सीधे स्पेशल एडिशनल एसपी ऑपरेशन्स का कार्यभार राजनांदगांव जिले में दिया है,196 से उनकी जॉइनिंग को मानते हुए उन्हें पिछले वर्ष आईपीएस अवार्ड करने की भी सिफारिश कर उन्हें एसपी बनाये जाने की पूरी तैयारी हो चुकी थी,लेकिन छत्तीसगढ़ के लगभग 20 से ज्यादा एडिशनल एसपी ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई जिस वजह से उनका एसपी बनना टल गया!अभी वर्तमान में वाय पी सिंह को भानुप्रतापपुर स्थानांतरण किया गया है जहां आज दिनांक तक उन्होंने अपनी जॉइनिंग नही दी! शर्मा ने विपक्ष को कटघरे में खड़ा हुए पूछा है कि क्या वाय पी सिंह छत्तीसगढ़ के स्थानीय हैं? उनका क्या उल्लेखनीय योगदान रहा आज तक छत्तीसगढ़ में, कोई भाजपा नेता स्पष्ट करेगा? यहां एक आदिवासी के बेटे को नौकरी क्या मिली सारे एक साथ तिलमिला उठे!! शहीद वी के चौबे जी के पुत्र सौमिल को भी डॉ रमन सिंह ने उनके निवास पे जाकर डिप्टी कलेक्टर के पद पर नियुक्त किया था, तब कांग्रेस ने एक स्वर में इस कदम की प्रशंसा की थी!आज एक आदिवासी पुत्र को नौकरी मिलने पे आप सब राजनीति पे उतर आए!आशीष कर्मा को डिप्टी कलेक्टर बनाए जाने का विरोध…एनएसयूआई प्रदेशाध्यक्ष आकाश शर्मा ने कहा…एक आदिवासी के बेटे को नौकरी क्या मिली विपक्ष तिलमिला उठी
यह भी देखें :
Add Comment