रायपुर। डागा कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय की सहायक प्राध्यापक श्रीमती मधुलिका चौबे के खिलाफ कार्रवाई पर हाईकोर्ट की रोक की लग गई है। बिना अनुमति पीएचडी करने और वेतन आहरण करने के मामले में फर्जीवाड़ा की शिकायत पर उनके खिलाफ मौदहापारा थाने में एफआईआर दर्ज की गई। कोर्ट ने इस मामले मेें राज्य शासन से जवाब मांगा है।
विदित हो कि डागा कॉलेज की सहायक प्राध्यापिका श्रीमती चौबे, सामाजिक कार्यकर्ता राकेश चौबे की पत्नी है। मधुलिका चौबे पर आरोप है कि उन्होंने कालेज प्रशासन से बिना अनुमति के बिलासपुर जाकर पीएचडी की और कालेज में अपनी उपस्थिति भी दर्ज कर वेतन भी लिया। इस मामले की शिकायत उच्च शिक्षा विभाग को भी की गई थी। कालेज प्रबंधन ने इसकी जांच कराई और जांच में शिकायत सही पाया गया जिसके खिलाफ आज थाने में फिर दर्ज कर ली गई है। मधुलिका चौबे सामाजिक कार्यकर्ता और आरटीआई एक्टिविस्ट राकेश चौबे की पत्नी है। हाईकोर्ट ने मंगलवार को श्रीमती चौबे कीयाचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता के वकील अभ्युदय सिंह ने श्रीमती चौबे के खिलाफ की गई कार्रवाई को दुर्भावनापूर्ण बताया। कालेज प्रबंधन ने पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर कहा कि मधुलिका ने पीएचडी करने के लिए बिलासपुर में रही और बिना काम किए 222 दिन का वेतन लिया। इसके लिए उन्होंने छल और कुट रचना का सहारा लिया। कोर्ट में पीएचडी के अनुमति से जुड़े अन्य दस्तावेज प्रस्तुत किए गए। जस्टिस गौतम भादुड़ी की एकलपीठ ने श्रीमती चौबे के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगा दी है। साथ ही इस पूरे मामले को लेकर राज्य शासन से जवाब देने के लिए कहा गया है।
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