बिलासपुर। वैसे तो डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया जाता है, लेकिन कुछ ऐसे डॉक्टर भी होते है जो ऐसे काम कर जाते है जिससे कई लोग उन्हें भगवान कहना भी उचित नहीं समझते। कुछ इसी तरह का मामला बिलासपुर के जिला अस्पताल में देखने को मिला जहां एक मरीज को सीने में दर्द उठने पर उनके परिजनों द्वारा लाया गया। मरीज के परिजन अस्पताल में कागजी कार्रवाई करवा रहे थे तभी मरीज की हालत गंभीर हो गई। इस पर परिजन डॉक्टर के पास गए तो उस डॉक्टर ने इन लोगों को नियम-कानून बताने लगे और लाइन से आने की बात कहने लगे और अपने चेम्बर से नहीं उठे। डॉक्टर के इस रवैये से मरीज की हालत बिगड़ती चली गई और अंतत: उसकी मौत हो गई।
मिली जानकारी के अनुसार अंबिकापुर निवासी प्रकाश साहू को सोमवार सुबह सीने में दर्द होने पर परिजन उसे जिला अस्पताल लेकर आये जहां उसे केजुअल्टी में भर्ती किया गया। उसके बाद पर्ची कटाना, चेकअप आदि की प्रक्रिया परिजनों द्वारा की जा रही थी। तभी परिजन प्रकाश की हालत बिगड़ते देख डॉक्टर के पास गये तो डॉक्टर ने लाइन से आने की बात कह दी। इतने में ही प्रकाश ने दम तोड़ दिया।
मृतक के परिजन गणेश राम साहू ने बताया कि सुबह एक मरीज ठीक था। घर में सीने में दर्द उठने पर उसे जिला अस्पताल लेकर आये। जहंा उसकी हालत गंभीर होने पर भी डॉक्टर व स्टॉफ नियम कानून बताते रहे। अगर डॉक्टर समय पर जांच कर लेते तो शायद जान बच जाती। इस संबंध में जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. एसएस भाटिया का कहना है कि
मृतक के परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है। इसकी जानकारी ली जायेगी। वहीं मामले में दोषी पाये जाने पर कार्रवाई की जाएगी।
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