रायपुर। रेलवे विभाग में नौकरी लगवाने का झांसा देकर 14 लोगों से 91 लाख की ठगी करने वाले आरोपित आशीष बंजारे उर्फ राहुल को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। अन्य आरोपितों फरार हैं। ग्रुप-डी में नौकरी लगाने का झांसा दिया था। सभी से भर्ती फार्म भी भरवाए थे।
फर्जी मेडिकल परीक्षण भी करवाया। इसके बाद सभी को अलग-अलग स्थानों में स्थित रेलवे फाटकों को खोलने एवं बंद करने का तीन माह का फर्जी प्रशिक्षण भी दिया गया।
आरोपित खुद को डीआरएम आफिस का उच्च अधिकारी एवं पुलिस विभाग में कार्यरत होना बताकर सभी को अपने झांसे में लिया था। राहुल के कब्जे से घटना में प्रयुक्त एक नग सीपीयू, एक नग प्रिंटर सहित अन्य सामान जब्त किया गया है।
प्रार्थी प्रमोद कुमार मारकण्डेय ने थाना गंज में रिपोर्ट दर्ज कराई। माह जुलाई 2022 में उत्तम मरकाम ने प्रार्थी की मुलाकात आशीष बंजारे ऊर्फ राहुल से फाफाडीह चौक रायपुर में कराई थी।
आशीष बंजारे ने प्रार्थी को रेलवे में ग्रुप डी की नौकरी करना है तो बताओ मेरी पहचान ऊपर के लोगों से है नौकरी लगवा दूंगा। प्रार्थी से रेलवे के ग्रुप डी का भर्ती फार्म भरवाया एवं उसके दस्तावेज लेकर चला गया था।
इसके बाद दूसरे दिन आशीष बंजारे उर्फ राहुल द्वारा रेलवे में नौकरी लगाने के लिए मेडिकल के नाम पर पैसे ले लिए। इस प्रकार प्रार्थी द्वारा आशीष बंजारे को कुल सात लाख ऐठ लिए गए। इसके बाद एक फर्जी लेटर भी दिया, लिफाफा डीआरएम आफिस के अंदर खोलने से मना किया गया।
इसके कुछ देर बाद आशीष बंजारे ने उक्त लिफाफा को वापस प्रार्थी से वापस ले लिया और कहा कि जहां ज्वाइनिंग करना है वहां पर आज साहब नहीं है तो दूसरे दिन ज्वाइनिंग करने जाएंगे।
आशीष बंजारे ने प्रार्थी को ज्वाइनिंग के लिए जिला गौरेला-पेंड्रा-मरवाही स्टेशन खोड्री में बुलाए और यहीं ज्वाइनिंग करना है कहा। तीन महीने ट्रेनिंग भी करवाई गई। जब ग्रुप डी का रिजल्ट का प्रथम सूची आया तो उसमें प्रार्थी का नाम नहीं था।
प्रार्थी अन्य लोग, सुपेन्द्र मेरावी, दिलेश्वर जुर्री एवं दुर्गेश के साथ जोगी बंगला पास आशीष बंजारे से मिलने पहुंचे। वहां आशीष बंजारे के साथ इमरान कादरी उर्फ भैरव, मनोज शर्मा, एजाजुद्दीन खान ऊर्फ इज्जु और रमजान भी वहां आए।
इमरान कादरी अपने आप को पुलिस वाला होना बताकर प्रार्थी तथा अन्य लोगों को अपना पुलिस का परिचय पत्र दिखाया अन्य ने अपने आप को डीआरएम आफिस का अधिकारी बताकर विश्वास में लिया। इसके बाद ठगी की गई।
थाना प्रभारी का कहना है कि इस मामले में आरोपितों की पतासाजी और जहां ट्रेनिंग लिए हैं उसके बारे में पत्र लिखा जाएगा। बिना रेलवे के जानकारी के फोटक में मौजूद कर्मचारी कैसे किसी को रख सकते हैं।
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