रायपुर। शासन की ओर से निर्धारित न्यूनतम मजदूरी नहीं मिलने से संजीवनी और महतारी के कर्मचारियों ने आज से फिर से अनिश्चित कालीन हड़ताल प्रारंभ कर दी है। कर्मचारी कल्याण संघ की ओर से यह निर्णय लेते हुए हड़ताल के दौरान होने वाली असुविधाओं के लिए प्रशासन और जीवीके कंपनी को जिम्मेदार ठहराया गया है। संजीवनी और महतारी कर्मचारी कल्याण संघ के महासचिव शिव साहू ने जानकारी देते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ शासन की ओर से अपै्रल 2017 से न्यूनतम मजदूरी दर में वृद्धि की गई है, जो कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ 108 व 102 कर्मचारियों को नहीं दी जा रही है। समय पर वेतन भी नहीं दिया जाता है। इस संबंध में कर्मचारियों ने स्वास्थ्य विभाग के उच्चतम अधिकारियों को पत्राचार के माध्यम से पूर्व में समय-समय पर अवगत कराया। परंतु उचित समाधान नहीं मिला। इस परिपेक्ष्य में शासन का ध्यानाकर्षण कराने के लिए विगत वर्ष के माह अक्टूबर 2017 में धरना प्रदर्शन व एक दिवसीय सामूहिक अवकाश का निर्णय लेकर आंदोलन किया गया था। इस दौरान कंपनी के प्रबंधन से सकारात्मक चर्चा हुई और कंपनी द्वारा लिखित तौर पर वेतनमान 10 प्रतिशत वृद्धि का आश्वासन दिया गया था।
यही नहीं शेष 37 प्रतिशत की वृद्धि के लिए शासन स्तर पर चर्चा कर हल निकालने की बात कही गई थी। जिस पर हड़ताल स्थगित कर दी गई थी। जिसके बाद कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह, श्रम विभाग मंत्री व स्वास्थ्य मंत्री को पत्राचार कर समस्याओं से अवगत कराया था। जिस पर मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को पत्र अग्रेषित करते हुए समाधान करने का आश्वासन दिया था। परंतु आज पर्यंन्त तक किसी भी समस्या का समाधान नहीं हो सका। हमारी समस्याओं को लेकर न तो शासन गंभीर है और न ही कंपनी। इस तरह हमारी समस्त समस्याओं को दरकिनार कर निष्क्रियता दिखाई जाती है। उक्त गतिविधियों से समस्त कर्मचारियों में आक्रोश है। शिव साहू ने चर्चा के दौरान बताया कि शासन की हठधर्मिता के चलते प्रदेश के 600 संजीवनी वाहन/महतारी एक्सप्रेस के पहिये 4000 कर्मियों ने आज से जाम कर दिये है। बीमार मरीजों से क्षमायाचना करते हुए अध्यक्ष राजेन्द्र राठौर ने शासन के अडिय़ल रवैय्ये के चलते हड़ताल पर जाने के निर्णय के दौरान होने वाले तकलीफों के लिए आम जनता से खेद प्रकट किया है।
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