छत्तीसगढ़ के सवा पांच लाख उम्मीदवारों पर आरक्षण का पेंच भारी पड़ा है। इस साल राज्य सेवा परीक्षा-2021, वन सेवा परीक्षा, इंजीनियरिंग सर्विंस, प्यून भर्ती समेत अन्य दर्जनभर भर्ती परीक्षाएं हुईं। रिजल्ट भी तैयार किए गए, लेकिन आरक्षण की वजह से रिजल्ट जारी नहीं हुए।
अब आरक्षण का मामला गहराता जा रहा है, ऐसे में इन भर्तियों को लेकर संशय की स्थिति बनी है। सबसे अधिक नुकसान उन अभ्यर्थियों को हो रहा है, जो भर्ती के लिए निर्धारित अधिकतम उम्र सीमा के आखिरी पायदान पर खड़े हैं। आरक्षण विवाद की वजह से उनमें हताशा है।
इस पूरे मामले की पड़ताल की। पता चला कि इस साल पीएससी के माध्यम वन सेवा परीक्षा, राज्य सेवा परीक्षा, असिस्टेंट डायरेक्टर रिसर्च, आयुर्वेद मेडिकल ऑफिसर, इंजीनियरिंग सर्विस, फिजियोथैरेपिस्ट, प्यून भर्ती, सीएमओ व साइंटिफिक ऑफिसर की भर्ती के लिए परीक्षा हुई। इसी तरह व्यापमं से वैज्ञानिक भर्ती की परीक्षा हुई।
पुलिस भर्ती के तहत दस्तावेज सत्यापन व शारीरिक माप परीक्षण हुआ। व्यापमं से प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी की गई थी। इसके लिए आवेदन भी मंगाए गए थे। लेकिन अब रोक लगी है। इन भर्ती परीक्षाओं में करीब सवा पांच लाख परीक्षार्थी शामिल हुए है। सबसे अधिक हताशा पीएससी-2021 के अभ्यर्थियों को हो रही है। इनके लिए इंटरव्यू भी हो चुका है।
सिर्फ अंतिम रिजल्ट जारी होना बचा है। अभ्यर्थियों ने बातचीत में बताया कि भर्ती के लिए पुरुष अभ्यर्थियों की अधिकतम उम्र सीमा 35 वर्ष है। सभी तरह की छूट के बाद 38 वर्ष। महिलाओं व आरक्षित वर्ग के लिए उम्र सीमा ज्यादा है।
कई तैयारी करने के बाद इस बार इंटरव्यू तक पहुंचे। यह आखिरी अवसर भी है। लेकिन अब रिजल्ट पेंडिंग हो गया है। अब रिजल्ट जारी होगा या नहीं, कब तक जारी होगा यह कहना भी मुश्किल है। इस बारे में शिकायत करें तो किससे करें?
राज्य सेवा परीक्षा व सिविल जज की भर्ती, लेकिन श्रेणी नहीं बताई : पीएससी की ओर से राज्य सेवा परीक्षा-2022 व सिविल जज भर्ती परीक्षा के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू की गई है। यह पहला अवसर है जब पीएससी की ओर से कुल पदों की संख्या तो बताई गई है, लेकिन इसमें श्रेणी का उल्लेख नहीं किया गया है।
जैसे, यह नहीं बताया गया है कि राज्य सेवा के कुल पदों में सामान्य वर्ग के लिए कितना पद है, ओबीसी व एससी-एसटी के लिए कितना पद है। जानकारों का कहना है कि श्रेणी जारी नहीं होने भी छात्रों में हताशा है। इन भर्तियों को भी संशय की नजर से देख रहे हैं।
दिसंबर में प्रवेश नहीं होने से साल खराब की आशंका
इंजीनियरिंग, पॉलीटेक्निक, बीएड, डीएलएड, एग्रीकल्चर, एमसीए समेत अन्य कोर्स की प्रवेश प्रक्रिया आरक्षण विवाद से ही रुकी है। इन कोर्स की करीब 20 हजार से अधिक सीटें खाली हैं। दिसंबर में एडमिशन की उम्मीद थी, लेकिन इस माह भी कोई तैयारी नहीं होने से छात्रों में मायूसी है।
आरक्षण के मामले से प्रवेश को राहत दी जाए। क्योंकि, प्रवेश नहीं होने से उनका साल खराब होगा। उधर, फार्मेसी में अभी एक भी चरण की काउंसिलिंग नहीं हुई है। इन भर्ती परीक्षाओं में करीब साढ़े तीन लाख परीक्षार्थी शामिल हुए थे।
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