रेलवे स्टेशन में जूता पॉलिश करने वालों के लिए अब नया नियम जारी हुआ है। जूता पॉलिश करने वालों के पास अनुभव प्रमाण पत्र होना चाहिए। इतना ही नहीं, इसके साथ ही उसे 51 हजार रुपए अमानत राशि के रूप में रेलवे में जमा भी कराना पड़ेगा। तब कहीं जाकर उसे रेलवे का टेंडर मिलेगा। तब वह जिसे चाहेगा, स्टेशन के भीतर जूता पॉलिश करने की परमिशन देगा। रेलवे ने कमाई के लिए अब जूता पॉलिश करने का भी उपाय निकाला है।
वर्तमान में तकरीबन 10 लोग अलग-अलग जगहों पर बैठक शू पॉलिश करते हैं। रेलवे ने तीन साल के लिए 2 लाख 54 हजार रुपये का टेंडर जारी किया था, लेकिन राशि कम थी, इसलिए राशि बढ़ाकर दोबारा टेंडर जारी करेगा। टेंडर की नियम शर्त के अनुसार हर साल 6 प्रतिशत वृद्धि हर साल होगी। कुछ तकनीकी दिक्कतों की वजह से पुराने टेंडर को जारी किया जाएगा।
इनसे भी रेलवे की कमाई
स्टेशन पर यात्रियों के खान-पान की बेहतर सुविधा के लिए प्रत्येक प्लेटफार्म पर अलग-अलग स्टॉल की सुविधा है। वर्तमान में स्टेशन पर करीब 20 से अधिक स्टॉल हैं। रेलवे एक स्टॉल के लिए तीन और पांच साल तक के लिए टेंडर जारी करता है।
रेलवे को एक साल में एक स्टॉल से करीब 12 से 15 लाख रुपये की कमाई होती है। इसमें 18 प्रतिशत जीएसटी का अलग से भुगतान करना पड़ता है। इसके साथ ही स्टेशन पर रेलवे ने बड़े होटलों को किराये पर दे रखा है।
जानिए टेंडर में शर्त
शू- शाइन करने वाले को केवल रायपुर स्टेशन के आवंटित जगह पर काम करने की अनुमति दी जाएगी।
शू- पॉलिश करने वालों के पास प्रशासन द्वारा अनुमोदित बाक्सेस, यूनिफार्म, बैज तथा पॉलिश सामग्री स्वयं को वहन करना होगा।
ठेका एजेंसी को ठेका मूल्य का 10 प्रतिशत की दर से सुरक्षा निधि के रूप में एवं तीन प्रतिशत की दर से बैंक गारंटी के रूप में जमा करना पड़ेगा।
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