अपने बच्चे को लेकर हर माता-पिता के कुछ सपने होते हैं और मां-बाप चाहते हैं कि बच्चे उनका नाम रोशन करें, लेकिन अगर आप आंख बंद कर बच्चे की हर बात मानते हैं, तो उसके कुछ अच्छे या बुरे एफेक्ट्स भी हो सकते हैं. दरअसल, बच्चों की आदत होती है हर बात पर जिद्द करना. आमतौर पर मां बाप भी उसे इतना प्यार करते हैं कि उनकी बातों पर न कह ही नहीं पाते. पेरेंट्स सर्कल डॉट कॉम के मुताबिक, हर बात पर हां बोलना भी एक पेरेंटिंग की तकनीक है और इस तकनीक में मां बाप जान बूझ कर बच्चे को हां बोलते हैं, ताकि उसे किसी चीज की कमी महसूस न हो पाए और वह अपने मां बाप से ज्यादा जुड़ सके.
इसमें बच्चे जो चाहते हैं उन्हें वह करने दिया जाता है ताकि वह खुद को बंधा हुआ महसूस न कर पाएं और उनके अंदर स्किल्स डेवलप हो सके, लेकिन हर बात के लिए हां करना भी अच्छी बात नहीं है. इसके फायदों के साथ-साथ बहुत से नुकसान भी देखने को मिलते हैं और यह बच्चे को बहुत जिद्दी बना सकती है. आइए जानते हैं बच्चों की हर जिद्द पूरी करने के लंबे समय में दिखाई देने वाले फायदे और नुकसान.
फायदे
-बच्चे की जिद्द पूरी करने से उन्हें आत्मविश्वास मिलता है और वह अपने पैरेंट्स से ज्यादा क्लोज होकर जुड़ सकता है.
-इससे बच्चे को आगे बढ़ने और ज़रूरी स्किल्स सीखने में मदद मिलती है.
-बच्चा छुपा कर कोई काम नहीं करेगा और इस वजह से वह गलतियां और शरारतें भी काफी कम करेंगे.
नुकसान
-मां-बाप एक बाउंड्री नहीं सेट करते हैं, जिससे बच्चा ज्यादा जिद्दी बन जाता है.
-बच्चे को गैर ज़रूरी चीजों के लिए जिद्द करने की आदत हो जाएगी और वह बिगड़ने लगेगा.
-बच्चा यह समझ लेता है कि उसे जीवन में किसी अन्य व्यक्ति की ज़रूरत नहीं है और वह दूसरों से भी अपने मुताबिक चलने की अपेक्षा रखने लगता है जो संभव नहीं है.
-माता-पिता के लिए भी बच्चे की हर मांग पूरा करना काफी खर्चीला और और तनाव पूर्ण काम हो सकता है. इससे बच्चे पैसे की कद्र करना भी कम सीखते हैं और हर जिद्द पूरी करने को मां-बाप का ही कर्तव्य समझने लगते हैं.
-बच्चा हर काम में नखरे दिखाने लगता है और वह खुद को कष्ट पहुंचाने वाले कामों से बचने लगते हैं, जिससे मेहनत करना कम सीखते हैं.
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