कोरोना संक्रमण के लिहाज से बारिश के पिछले दो सीजन राजधानी और छत्तीसगढ़ पर भारी गुजरे हैं। जून से अगस्त के बीच 2020 यानी पहली लहर में 49 हजार से ज्यादा और इसी अवधि में दूसरी लहर में करीब 33 हजार, अर्थात पिछले दो साल के बारिश के सीजन में छत्तीसगढ़ में 82 हजार कोरोना संक्रमित मिले थे। इस साल बारिश का सीजन शुरू हुआ है और जून में 615 मरीज मिल चुके हैं। बरसात में कोविड संक्रमण के फैलाव को देखते हुए प्रदेश का हेल्थ अमला और कोरोना कोर कमेटी भी अलर्ट हो गई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि बरसाती सर्दी-बुखार के शक में लोग कोविड जांच नहीं करवाते। इस वजह से उनका संक्रमण तो बढ़ता ही है, वे कई और को संक्रमित कर देते हैं। अभी नया वैरिएंट नहीं मिला, मरीज गंभीर नहीं हो रहे हैं, इसलिए सर्दी-बुखार वालों को कोविड जांच करवाकर दवाइयां ले लेनी चाहिए, ताकि घर में इलाज हो जाए और संक्रमण काबू में रहे।
छत्तीसगढ़ में पहली लहर ने बरसात में ही ढाया था कहर
प्रदेश में कोरोना का पहला मरीज 18 मार्च 2020 में मिला था, लेकिन पहली लहर ने बरसात में ही कहर ढाया। इसका पीक भी सितंबर में था, तब प्रदेश से मानसून वापसी नह में प्रदेश में 3896 और रायपुर में 17 सितंबर को 1109 संक्रमित मिले थे। दूसरी लहर यानी 2021 में अप्रैल में पीक था। बारिश आते-आते संक्रमित कम होने लगे थे, फिर भी जून से अगस्त के बीच करीब 33 हजार के संक्रमित मिल गए थे। तीसरी लहर ठंड में पड़ी थी। इस बार जून में मरीजों की संख्या में मामूली वृद्धि होने लगी है।
नए वैरिएंट की पुष्टि नहीं
सीनियर मेडिकल कंसल्टेंट डॉ. योगेंद्र मल्होत्रा व हिमेटोलॉजिस्ट डॉ. विकास गोयल के अनुसार जब छत्तीसगढ़ व महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश व दिल्ली में जीनोम सीक्वेंसिंग की रिपोर्ट आएगी, तब वैरिएंट पता चलेगा लेकिन हल्के लक्षण वाले संक्रमण से दिख रहा है कि नया वैरिएंट नहीं है।
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