पेट की सेहत से ओवरऑल हेल्थ का पता लगाया जा सकता है. कहा जाता है आधे से अधिक शारीरिक समस्याएं पेट से ही शुरू होती हैं इसलिए पेट की सेहत का ख्याल हमेशा रखना चाहिए. पेट दर्द के कई कारण हो सकते हैं. कई बार यह दर्द अपने आप ही ठीक हो जाता है तो कई बार लंबे समय तक रहता है. हाल ही में एक डॉक्टर ने महिलाओं के पेट दर्द को गंभीर बताया है. उन्होंने बताया कि अगर महिलाओं को पेट में दाहिनी ओर दर्द हो रहा है तो उसे अनदेखा करने की भूल नहीं करनी चाहिए क्योंकि ये किसी गंभीर समस्या का कारण भी हो सकता है. तो आइए जानते हैं पेट के दाहिनी और दर्द होने का क्या कारण होता है.
तुरंत डॉक्टर को दिखाएं
यूके की डॉ. मिरियम स्टॉपर्ड (Dr. Miriam Stoppard) के मुताबिक, पेट में दाहिनी ओर दर्द का कारण एपेंडिसाइटिस, एक्टोपिक प्रेग्नेंसी और क्रोहन डिसीज (पाचन तंत्र की परत में सूजन) हो सकता है इसलिए कभी भी इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए और तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए.
इन बीमारियों में डॉक्टर को दिखाने की जरूरत इसलिए पढ़ती है क्योंकि एपेंडिसाइटिस के इलाज में सर्जन की जरूरत होती है. एक्टोपिक प्रेग्नेंसी और क्रोहन डिसीज में स्त्री रोग विशेषज्ञ की जरूरत होती है. इस कारण बिना देर किए दाहिनी ओर दर्द होने पर महिलाएं तुरंत डॉक्टर को दिखाएं.
इन समस्याओं के बढ़ने से यूरिनरी ट्रैक या सेक्सुअल इंफेक्शन भी हो सकता है इसलिए सही समस्या का पता लगाने के लिए मेडिकल टेस्ट की जरूरत होती है. अब इन समस्याओं को विस्तार से भी जान लीजिए.
एपेंडिसाइटिस (Appendicitis)
एपेंडिक्स की सूजन को एपेंडिसाइटिस कहा जाता है. इस दौरान तेजी से पेट दर्द होता है जो कई बार असहनीय होता है. एपेंडिसाइटिस में नाभि के पास दर्द महसूस होता है. एपेंडिसाइटिस को उसके लक्षणों के आधार पर पहचाना जा सकता है, क्योंकि पेट में एक निश्चित जगह पर बार-बार दर्द होता है. आंतों में इंफेक्शन, कब्ज, पेट में पलने वाले खराब बैक्टीरिया इस बीमारी का कारण बन सकते हैं. लंबे समय तक इसे अनदेखा करने पर बीमारी बढ़ जाती है.
एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (Ectopic pregnancy)
एक्टोपिक प्रेग्नेंसी वह होती है जिसमें पेट के निचले हिस्से में जमी कैविटी या फिर अन्य कारण से एग्स गर्भाशय में पहुंचने से पहले ही फैलोपियन ट्यूब में विकसित होने लगते हैं. उस स्थिति को एक्टोपिक प्रेगनेंसी कहा जाता है. इस प्रेग्नेंसी को पहचानना काफी जरूरी है क्योंकि इसके कारण शरीर में खून की कमी हो जाती है. पीली त्वचा, चिपचिपे हाथ, बेहोशी आना, चक्कर आना और वजाइना से ब्लड आना इसके संकेत हैं. एक्टोपिक प्रेग्नेंसी वाले मरीजों को रिपोर्ट में पुष्टि होने के बाद तत्काल लैप्रोस्कोपी (Laparoscopy) की जरूरत होती है.
क्रोहन डिजीज (Crohn’s disease)
क्रोहन डिजीज लंबे समय तक चलने वाली बीमारी है. इस बीमारी में डाइजेस्टिव सिस्टम के आसपास की परत में सूजन आ जाती है और यह सूजन पाचन तंत्र के किसी भी हिस्से में हो सकती है. अधिकतर मामलों में सूजन छोटी आंत और बड़ी आंत में आती है.
क्रोहन डिजीज के कारण दस्त, वजन कम होना, रुक-रुक कर पेट दर्द और खाने संबंधित समस्याएं होने लगती हैं. यह अल्सर का कारण बनता है और पेट में तेज दर्द का कारण बन सकता है. इसके कारण त्वचा पर दाने हो सकते हैं जो कि लाल धब्बों के साथ दिखते हैं. क्रोहन डिजीज से पीड़ित व्यक्ति एनीमिक या कुपोषित हो सकता है इसलिए ऐसी स्थिति में तुरंत इलाज की जरूरत होती है.
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