आपने कई ऐसे लोग देखे होंगे जिन्हें रात में बार-बार पेशाब आता है. क्या आप जानते हैं कि रात के वक्त बार-बार पेशाब आना आपकी सेहत के बारे में बहुत से संकेत देता है. रात में सामान्य से ज्यादा पेशाब आने की इस समस्या को मेडिकल भाषा में नोक्टूरिया कहा जाता है. आइए आज आपको इस बीमारी के बारे में विस्तार से बताते हैं.
डॉक्टर्स का कहना है कि रात में एक या दो बार टॉयलेट जाना सामान्य है, लेकिन इससे ज्यादा बार पेशाब आना खराब सेहत की तरफ इशारा करता है. एक्सपर्ट ने कहा, ‘अगर आपको रात में बार-बार पेशाब की समस्या हो रही है और आप कोई अजीब बदलाव महसूस कर रहे हैं तो डॉक्टर से संपर्क करने में देरी नहीं करनी चाहिए.’
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, रात में पेशाब आने के पीछे दर्जनों दिक्कतें हो सकती हैं. लेकिन इस विषय में ज्यादा चिंता करने से पहले इसके सामान्य और कम संबंधित ट्रिगर्स की पहचान करना जरूरी है. कैफीन, एल्कोहल, स्मोकिंग, स्ट्रेस या एन्जाइटी भी इसका कारण हो सकते हैं. एल्कोहल या कैफीनेटेड बेवरेज जैसे कि चाय, कॉफी और फिजि ड्रिंक्स, ड्यूरेटिक होते हैं. इसका मतलब इन्हें पीने के बाद शरीर ज्यादा यूरीन प्रोड्यूस करता है.
यह समस्या नोक्टूरिया की बीमारी से भी जुड़ी हो सकती है. आमतौर पर यह बीमारी बहुत ज्यादा खतरनाक नहीं होती है. नोक्टूरिया की बीमारी को बढ़ती उम्र और हार्मोन में बदलाव से जोड़कर देखा जाता है. लेकिन कई बार इसके भयंकर परिणाम भी देखे जाते हैं. NHS के मुताबिक, नोक्टूरिया में अक्सर यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) या यूरीनरी इंफेक्शन की शिकायत भी हो सकती है, जिसके चलते पेट दर्द या पेशाब ना आने की दिक्कत हो सकती है.
इसके अलावा रात में बार-बार पेशाब आने की समस्या प्रोस्टेट कैंसर से भी जुड़ी हो सकती है. रात में बार-बार टॉयलेट जाने की यह समस्या डायबिटीज से भी जुड़ी हो सकती है, जो कि टाइप-2 डायबिटीज का बहुत साधारण सा लक्षण है. हालांकि, इसमें वजन घटना, प्राइवेट पार्ट के पास खुजली और प्यास लगने जैसे लक्षणों पर ध्यान देना भी जरूरी है.
रात में पेशाब आने की वजहें
ब्लैडर प्रोलैप्स
प्रोस्टेट या पेल्विक एरिया में ट्यूमर
किडनी इंफेक्शन
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया
न्यूरोलॉजिकल डिसॉर्डर जैसे कि मल्टीपल सेलेरोसिस, पार्किंसन डिसीज या स्पाइनल कॉर्ड कम्प्रेशन
कैसे रखें ख्याल?
रात में बार-बार टॉयलेट की दिक्कत होने पर कुछ बातों का ख्याल रखें. रात को सोने से दो या चार घंटे पहले कम पानी पिएं. एल्कोहल या कैफीन का सेवन ना करें. मसालेदार, एसिडिक फूड, चॉकलेट या मिठाई जैसी चीजें एवॉइड करें जो ब्लैडर को इरिटेट करती हैं. ब्लैडर कंट्रोल के लिए पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज करें.
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