रेप के आरोपों में फंसे लोक इंसाफ पार्टी के अध्यक्ष और पंजाब से विधायक सिमरजीत सिंह बैंस को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मामले की सुनवाई करते हुए बैंस की गिरफ्तारी पर गुरुवार यानी 3 फरवरी तक रोक लगा दी है. चीफ जस्टिस एनवी रमना और जस्टिस एएस बोपन्ना और हिमा कोहली की पीठ ने बैंस की गिरफ्तारी पर रोक लगाने के साथ-साथ मामले की सुनवाई को भी गुरुवार तक के लिए टाल दिया है.
बैंस ने इस मामले में लुधियाना कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी जिसमें कोर्ट में पेश न होने बाद उनके खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी कर दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने महिला शिकायतकर्ता की अर्जी को भी मामले के साथ जोड़ा है. महिला की ओर से कहा गया है कि विधायक ने मामले को चुनाव से जोड़ दिया है जबकि उसके पास सबूत हैं कि मामला चुनाव से जुड़ा नहीं है.
क्या है मामला?
बता दें, पिछले साल सिमरजीत सिंह बैंस के खिलाफ बलात्कार, सबूत नष्ट करने और आपराधिक धमकी देने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था. एक अदालत के निर्देश पर आत्मनगर के विधायक और छह अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. 44 वर्षीय एक महिला द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार बैंस ने आर्थिक रूप से मदद करने के बहाने अपने कार्यालय में कई बार उससे कथित तौर पर बलात्कार किया.
महिला ने अपनी शिकायत में कहा, ‘‘पति की मृत्यु के बाद उसकी आर्थिक स्थिति कमजोर हो गई थी क्योंकि उसके बेटे का व्यवसाय लगभग बंद हो गया था और उसके मकान मालिक ने उन्हें घर खाली करने के लिए कहना शुरू कर दिया था. तभी किसी ने उसका परिचय बैंस से कराया.’’
हालांकि, बैंस ने इससे पहले महिला द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों का खंडन किया था. शिकायतकर्ता ने अदालत के समक्ष कहा कि वह एक विधवा और बलात्कार पीड़िता है जो न्याय पाने के लिए एक साल से अधिक समय से दर-दर भटक रही है.
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