कोरोना की तीसरी लहर के बीच सेल्फ कोरोना टेस्ट किट लोगों के बीच खासा लोकप्रिय हो गई है। राजधानी में ही जनवरी के 13 दिनों में 50 हजार से ज्यादा किट बिक चुकी हैं। किट लेने वालों में डॉक्टरों के अलावा आम लोग भी हैं। सरकारी एजेंसियों की सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि इतने टेस्ट किट बिके, लेकिन एक भी जांच का नतीजा उनके रिकार्ड में नहीं है।
खुद जांच करनेवाले पाजिटिव निकलने के बाद किस तरह का ट्रीटमेंट कर रहे हैं, आइसोलेट हैं या नहीं, इसकी जानकारी भी नहीं है। इसे बड़ा खतरा मानते हुए ड्रग विभाग ने शुक्रवार को रायपुर के सभी दवा रिटेलर्स को नोटिस जारी कर दिया है। इसमें किट खरीदने वालों से आधार नंबर, मोबाइल नंबर के अलावा पूरा पता लिखने को कहा गया है। यही नहीं, मेडिकल स्टोर्स से भी पूछा गया है कि अब तक कितनी किट बेच चुके। इस फरमान के बाद शुक्रवार को टेस्ट किट की बिक्री में कमी आ गई है। अफसरों ने देर शाम बताया कि रोजाना औसतन 4 से 5 हजार टेस्ट किट बिक रही थी, जो शुक्रवार को 250 ही िबकी है। सेल्फ कोरोना टेस्ट किट से केवल 5 मिनट में रिपोर्ट आ जाती है।
यह एंटीजन किट की ही तरह है। इसकी कीमत 100 रुपए से लेकर 300 रुपए है। यही कारण है कि गुरुवार तक यह किट धड़ल्ले से बिक रही थी। थोक व रिटेलर दवा कारोबारियों के अनुसार ऐसी किट रोजाना 5 हजार के आसपास बिक रही थी। शुक्रवार को महज 250 के आसपास ही बिकी क्योंकि लोगों को आधार नंबर की फोटो कॉपी के साथ मोबाइल नंबर व पूरा पता लिखवाना था। स्वास्थ्य व ड्रग विभाग ने खतरे को भांपा और इसकी बिक्री पर सख्ती की है। स्वास्थ्य व ड्रग विभाग ने खतरे को भांपा और इसकी बिक्री पर सख्ती की है।
जानकारों के अनुसार ये कोरोना स्प्रेड का बड़ा कारण बन सकते हैं। किट बेचने पर पाबंदी भी नहीं थी। अभी भी नहीं है। प्रदेश में ओमिक्रॉन वैरिएंट वाले 5 केस मिल चुके हैं। राहत की बात ये है कि सभी इलाज के बाद स्वस्थ भी हो चुके हैं। लेकिन प्रदेश में रोजाना 6 हजार व राजधानी में डेढ़ हजार से ज्यादा मरीज मिलने लगे हैं। ये स्वास्थ्य विभाग के ऑन रिकार्ड केस हैं। जो खुद किट लेकर जांच कर रहे हैं और पॉजीटिव आ रहे हैं, उनका रिकार्ड स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं है।
जनवरी में ही बढ़ गई बिक्री
दिसंबर में सेल्फ टेस्ट किट कम बिक रही थी। नए साल से इसकी बिक्री में काफी उछाल आया है। थोक दवा बाजार के कारोबारियों के अनुसार रायपुर जिले में 5 हजार व राजधानी में 1500 से ज्यादा मेडिकल स्टोर हैं। अगर एक मेडिकल स्टोर में 2 पीस किट बिक रही हो तो रोजाना 10 हजार किट बेची जा रही थी। विशेषज्ञों के अनुसार यह खतरनाक हो सकता है।
प्रदेश में 5525 केस, 8 मौतें भी
प्रदेश में 5525 नए केस मिले हैं, जिसमें रायपुर के 1692 मरीज हैं। इस दौरान 8 मौतें भी हुई हैं। प्रदेश में 32 हजार से अधिक केस में से केवल 836 ही अस्पतालों में हैं।
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