बालोद: कृषि विभाग के उप संचालक ने बताया कि विगत दिनों हुई असामयिक वर्षा से कृषकों द्वारा रबी मौसम में 51590 हेक्टेयर रकबे में बोयी गई विभिन्न फसलों को क्षति होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अधिसूचित ग्राम के अधिसूचित फसल गेहॅू सिंचित, गेहॅूं असिंचित, चना, राई-सरसों एवं अलसी फसलों को नुकसान होने की स्थिति में बीमित किसानों को दावा भुगतान का प्रावधान है,
जिसके तहत बीमित किसान को फसल नुकसान की सूचना क्रियान्वयक बीमा कंपनी, कृषि विभाग, राजस्व विभाग एवं बैंक को घटना के 72 घण्टे के अंदर दिया जाना आवश्यक है। वर्तमान में असामयिक वर्षा से हुई फसल क्षति का आंकलन कृषि, राजस्व एवं बीमा कंपनी द्वारा किया जा रहा है। इस रबी मौसम में कुल 8286 ऋणी एवं अऋणी कृषकों द्वारा 7492 हेक्टेयर में रबी फसलों का बीमा कराया गया है। फसल क्षति की सूचना देने के उपरांत बीमित कृषकों में से प्रभावित कृषकों को योजना के तहत प्रावधान के अनुसार लाभ प्राप्त करने हेतु पात्र होगे।
कृषि विभाग के उप संचालक ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के कंडिका क्रमांक-14(ख) स्थानीय आपदाओं की स्थिति में स्थानीय जोखिमों यथा ओलावृष्टि, जलप्लावन, बादल का फटना, प्राकृतिक आकाशीय बिजली से अधिसूचित फसल में नुकसान होने की स्थिति में व्यक्तिगत बीमित कृषकों को क्षतिपूर्ति दिये जाने का प्रावधान है। यदि किसी प्रभावित इकाई में 25 प्रतिशत से अधिक हानि होती है,
तो उन सभी प्रभावित बीमित कृषकों केे नुकसान की जांच कराकर नियमानुसार क्षतिपूर्ति हेतु पात्र घोषित की जाएगी। उन्होंने बताया कि कृषक इसकी सूचना क्रियान्वयक बीमा कंपनी को टोल फ्री नंबर 1800-419-0344 पर या लिखित रूप से अथवा स्थानीय राजस्व, कृषि अधिकारियों को लिखित रूप में निर्धारित समय-सीमा 72 घण्टे के भीतर बीमित फसल के ब्योरे क्षति की मात्रा तथा क्षति के कारण सहित सूचित करना होगा।
उन्होंने बताया कि विकासखण्ड स्तरीय कृषि, राजस्व विभाग के अधिकारी एवं बीमा कंपनी के प्रतिनिधि द्वारा फसल क्षति का आंकलन करेंगे। इस घटक के अंतर्गत अधिकतम देय सहायता बीमित राशि के अध्याधीन प्रभावित क्षेत्र के आपदा घटित होने तक फसल की कास्त लागत के अनुपात में होगी। यदि फसल कटाई प्रयोग के आधार पर अधिसूचित क्षेत्र में दावा भुगतान स्थानीय क्षतिपूर्ति से अधिक निर्धारित होता है, तो दोनों में से जो भी दावा अधिक होगा बीमित कृषक को देय होगा।
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