दुर्ग: जिले के 4 निकायों में संपन्न हुए मतदान और मतगणना के बाद अब से छ्त्तीसगढ़ सरकार और चुनाव आयोग पर विपक्ष आरोप लगा रहा है.
पहले बीजेपी (BJP) ने आरोप लगाए थे, अब बसपा (BSP) प्रत्याशी दिनेश सिंदे ने भी मतगणना में धांधली का आरोप लगाया है. उनका आरोप है वो जीत चुके थे, लेकिन उसके बाद भी उन्हें हरा दिया गया. इसे लेकर मामला गरमाता नजर आ रहा है. प्रदेश में विपक्ष के चुनाव आयोग पर इस तरह के गंभीर आरोप लगाना कई सवाल खड़े कर रहा है.
चुनाव आयोग पर धांधली का आरोप
बैलेट पेपर से हुए चुनाव में भिलाई नगर निगम की 70 सीटों पर चुनाव हुए, जिसमें कांग्रेस पूर्ण बहुमत के साथ 70 में से 37 सीटें लेकर शहर में सरकार बना रही है और चार निर्दलीयों ने भी कांग्रेस को समर्थन दे दिया है, लेकिन अब इसपर विवाद बढ़ता जा रहा है. कांग्रेस के साथ जिला प्रशासन के ऊपर भी लगातार आरोप लग रहे हैं. पहले बीजेपी के दिग्गज नेताओं ने मतगणना को लेकर जिला प्रशासन और चुनाव आयोग पर धांधली का आरोप लगाते हुए अपना जबरदस्त विरोध दर्ज कराया था. लोकसभा सांसद विजय बघेल तो जिला प्रशास प्रशासक के कमरे के बाहर 2 घंटे तक धरने पर बैठ गए थे. वहीं पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश पांडे ने भी कांग्रेस पर जबरदस्त प्रहार किए थे लेकिन अब बीजेपी के बाद मतगणना को लेकर बीएसपी भी नया विवाद खड़ा कर रही है.
बसपा प्रत्याशी के आरोप
बसपा के प्रत्याशी ने भी मतगणना में खुलकर धांधली का आरोप लगाया है. वार्ड नंबर 10 लक्ष्मी नगर सुपेला से चुनाव लड़ने वाले बसपा प्रत्याशी दिनेश कुमार शिंदे ने निर्वाचन आयोग के अधिकारियों पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वे चुनाव जीत चुके थे .मतगणना के सभी राउंड में वे कई वोटों से आगे चल रहे थे. उन्हें देर रात 1 बजे जीता हुआ घोषित भी कर दिया गया लेकिन फिर अचानक कांग्रेस के प्रत्याशी को जीता हुआ बता दिया गया. दिनेश कुमार शिंदे ने बताया कि मतगणना के दौरान आखिर तक उनकी जीत हो रही थी. देर रात तक उनकी जीत भी दिखाई जा रही थी, लेकिन बाद में कांग्रेस प्रत्याशी चंद्रशेखर गवई को जीता हुआ बता दिया.आरोप है कि इसका कारण पूछने पर निर्वाचन आयोग के अफसरों ने बिना उनसे पूछे ही रिकाउंटिंग करा दी और कोंग्रेस को विजयी घोषित कर दिया.
क्या कहते हैं नियम
नियम अनुसार रिकॉउंटिंग के लिए दोनों प्रत्याशियों को बताना और पूछा जाना जरूरी है. दिनेश शिंदे ने कहा की जिले में चुनाव आयोग, सत्ता पक्ष के दबाव में काम कर रहा है तो वहीं उन्होंने जिला प्रशासन पर भी गंभीर आरोप लगा दिए. उनका कहना है कि वार्ड 10 की जनता ने पूरे विश्वास के साथ उन्हें चुनाव में जीत दिलाई थी. दिनेश शिंदे ने वार्ड नंबर 10 के निर्वाचन को रद्द करने की मांग भी चुनाव आयोग से की है. यदि उनकी मांग नहीं मानी गई तो वे छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका भी दर्ज करेंगे. बहरहाल मतदान भी हो चुके हैं मतगणना भी हो चुकी है, लेकिन मतदान और मतगणना के बाद लगातार बैलेट पेपर पर सवाल उठ रहे हैं. अब सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर जीते हुए प्रत्याशी को कैसे हरा दिया गया. बता दें बीजेपी के वार्ड नंबर 54 और वार्ड नंबर 62 से बीजेपी के प्रत्याशी भी 3 वोट और 1 वोट से हार गए थे, जिसके बाद कि 2 दिन पहले ही बीजेपी जमकर जिला प्रशासन और चुनाव आयोग पर हमलावर दिखाई दे रही.
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