कोरोना के दोहरे म्यूटेंट पर भी देश का पहला स्वदेशी टीका कारगर है। आईसीएमआर और पुणे स्थित नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी (एनआईवी) के वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन में यह खुलासा किया है।
इस अध्ययन के लिए वैज्ञानिकों ने यूके, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका से भारत आए अलग-अलग म्यूटेंट वायरस को पहले आइसोलेट किया था और फिर हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक फॉर्मा कंपनी की कोवाक्सिन के साथ परीक्षण किया था।
जांच में पता चला कि कोवाक्सिन की दो डोज लेने के बाद अगर कोई व्यक्ति म्यूटेंट वायरस से भी संपर्क में आकर संक्रमित होता है तब भी उसकी हालत गंभीर अवस्था में नहीं रहेगी।
हालांकि, वैक्सीन लगने के बाद चेहरे पर मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और बार-बार हाथ धोना अनिवार्य है। आईसीएमआर ने तीन अलग-अलग अध्ययन किए जिनमें से यूके वैरिएंट के परिणाम इसी साल 27 जनवरी को जर्नल ऑफ ट्रेवल मेडिसिन में प्रकाशित हुए।
ब्राजील वैरिएंट पर अध्ययन के आधार पर आईसीएमआर ने अब दोहरे म्यूटेंट पर कोवाक्सिन असरदार होने का दावा किया है। परीक्षण में कोवाक्सिन 78 फीसदी तक असरदार मिली है।
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