नई दिल्ली. स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health & Family Welfare) ने मंगलवार को बताया कि भारत में फाइजर वैक्सीन (Pfizer Vaccine) की तकनीक का इस्तेमाल करके एक टीके का निर्माण किया जा रहा है. मंत्रालय ने बताया कि इस टीके को आम कोल्ड चेन मसलन फ्रिज आदि में रखा जा सकता है.
नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने मंगलवार को साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा कि इस हफ्ते ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (Drugs Controller General of India) ने एक और वैक्सीन उम्मीदवार को क्लीनिकल ट्रायल करने की मंजूरी दे दी है. पॉल ने कहा कि जिनोआ कंपनी (Genoa company) ने भारत सरकार की रिसर्च एजेंसी डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी की मदद से एक वैक्सीन तैयार की है.
पॉल ने कहा कि इस टीके के निर्माण में फाइजर वैक्सीन जैसी प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया गया है. उन्होंने बताया कि अगर ये वैक्सीन अस्तित्व में आती है तो फाइजर और कुछ अन्य टीकों की अपेक्षा इसे नॉर्मल कोल्ड चेन कंडीशंस यानी आम फ्रिज आदि में रखा जा सकता है. पॉल ने बताया कि वर्तमान समय में देश में छह वैक्सीन उम्मीदवार क्लीनिकल ट्रायल कर रहे हैं.
वैक्सीन को लेकर लगातार की जा रहीं तैयारियां
स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने प्रेस वार्ता में कहा कि कोरोना वैक्सीन को लेकर लगातार तैयारियां की जा रही हैं. उन्होंने बताया कि टीकाकरण के लिए 29 हजार कोल्ड चेन प्वाइंट, 240 वॉक-इन कूलर, 70 वॉक-इन फ्रीजर, 45 हजार आइस-लाइन्ड रेफ्रिजरेटर, 41 हजार डीप फ्रीजर और 300 सोलर रेफ्रिजरेटर का इस्तेमाल होगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों के पास पहले ही ये उपकरण पहुंच चुके हैं.
देश में संक्रमण दर 6.37 प्रतिशत
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि देश में अब तक कोविड-19 के 15.55 करोड़ से अधिक नमूनों की जांच की गई है. वहीं संक्रमण दर गिरकर 6.37 फीसदी पहुंच गई है. मंत्रालय ने कहा कि भारत में वर्तमान में कोविड-19 के कारण मृत्यु दर 1.45 फीसदी है, जो दुनिया में सबसे कम है. सरकार ने कहा कि कोविड के मामलों, मौत की संख्या में आ रही कमी, एक देश के तौर पर लगता है कि हम अच्छा कर रहे हैं, हम जीवन बचा रहे हैं लेकिन इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि हमारी जनसंख्या के एक बड़े हिस्से पर अब भी कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा है.
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