बलरामपुर. राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं समर्थकों के साथ रामचंद्रपुर विकासखण्ड के ग्राम पंचायत त्रिशूली का दौरा कर रेत की अवैध उत्खनन को तत्काक रोक लगाने की मांग की है, अवैध उत्खनन नहीं रोके जाने की दशा में उग्र आंदोलन की चेतावनी दी गई है.
गौरतलब है ग्राम पंचायत त्रिशूली में लंबे समय से रेत की अवैध उत्खनन का कार्य जोरों पर है बार बार आवाज उठाने के बाद भी माफियाओं पर प्रसासन मौन थी चूंकि माफियाओं को सरकार की मौन समर्थन प्राप्त थी, माफियाओं ने रेत की अवैध उत्खनन कर परिवहन के लिए जंगल मे लगे नर्सरी को काटकर रास्ता भी बनाया था. जहां से वे करोड़ो की रेत छत्तीसगढ़ से उठाकर उत्तरप्रदेश के विभिन्न स्थानों में बेचते हैं.
बताया जाता है कि माफियाओं को ग्राम पंचायत पचावल की लीज दी गई थी परंतु माफियाओं ने ग्राम पंचायत त्रिशूली से उत्खनन करना प्रारंभ कर दिया था. स्थानीय ग्रामीणों से लगातार शिकायत मिलने के बाद राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों और सैकड़ो समर्थकों के साथ ग्राम पंचायत त्रिशूली का दौरा किया और सर्वप्रथम नर्सरी को काटकर जंगल मे बनाए गए रास्तों में पौधरोपण कर रास्ते को बंद किया गया.
तत्पश्चात रेत उत्खनन क्षेत्र में पहुंचकर स्थानीय ग्रामीणों की मंशानुसार सरकार से ये मांग किया गया कि सर्वप्रथम तो माफियाओं को जिस स्थान की लीज प्रदान की गई है उसी स्थान से उठाव की अनुमति दी जाए और रेत की लोडिंग में जेसीबी और पोकलेन के स्थान पर स्थानीय ग्रामीणों को रोजगार दिया जाए और जितने रकबे का लीज प्रदान किया गया है उतने रकबे से उठाव कराई जाए.
ज्ञात हो कि भाजपा सरकार में रेत उत्खनन की लीज प्रदान करने की अधिकार ग्राम पंचायतों के पास शुरक्षित था परंतु कांग्रेस सरकार पंचायतों से यह अधिकार छीनकर माइनिंग विभाग को दे दी और मोटी रकम वसूलकर पंचायत और स्थानीय ग्रामीणों को ठेंगा दिखा रही है. जिससे स्पष्ट है कि रेत की अवैध उत्खनन करने वाले माफियाओं की ओर से कमीशन की राशि सरकार तक पहुंच रही है.
यही कारण है कि माफियाओं के खिलाफ करवाई करने से प्रसासन भी कतरा रही है. चूंकि माफियाओं को सरकार की अप्रत्यक्ष समर्थन प्राप्त है, उक्त सभी मांगो को लेकर राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम ने क्षेत्र का दौरा किया और सरकार को उग्र आंदोलन की चेतावनी दी गई है.
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