बलरामपुर,पवन कश्यप: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2020 में क्षेत्र क्रमांक 02 नावाडीह से जिला पंचायत सदस्य के रूप में निर्दलीय चुनाव लड़कर राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस के अधिकृत प्रत्यासी से भी ज्यादा मत अर्जित कर द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाली साधना यादव के पति चर्चित समाजसेवी संतोष यादव के विरुद्ध चुनाव के बाद त्रिकुंडा थाना एवं विजय नगर चौकी में एससी एसटी एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत दो अपराध पंजीबद्ध किया गया था।
जिसके बाद पिछले सोमवार को संतोष यादव ने वाड्रफनगर पुलिस अनुविभागीय अधिकारी के समक्ष समर्पण कर खुद की गिरफ्तारी दी थी जहां से उन्हें न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया उसके बाद रामानुजगंज जेल दाखिल किया गया था परंतु एक सप्ताह के अंदर माननिय न्यायालय ने उन्हें रिहा कर दिया और समर्थकों ने बाजे- गाजे के साथ स्वागत करते हुए उन्हें रामानुजगंज से नावाडीह ले आए..
गौरतलब है कि प्रसिद्ध समाजसेवी संतोष यादव दिन -दुखियों की सेवा को लेकर हमेसा चर्चा में रहते हैं जिनका क्षेत्र में समाज सेवी के रूप में अलग पहचान बना चुके हैं। उन्होंने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में अपनी पत्नी साधना यादव को जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 02 नावाडीह से निर्दलीय प्रत्यासी के रूप में चुनाव लड़ाया था जहां से उन्होंने राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के अधिकृत प्रत्यासी से भी ज्यादा मत अर्जित कर द्वितीय स्थान प्राप्त किया था। चुनाव के बाद संतोष यादव के विरुद्ध त्रिकुंडा थाना एवम विजय नगर चौकी में एससी एसटी एक्ट के विभिन्न धाराओं तहत अलग-अलग व्यक्तियों के द्वारा अपराध पंजीबद्ध किया गया था।
जिसे मंगलवार को न्यायालय से जमानत मिलने के बाद जेल से रिहा किया गया। जेल गेट के सामने सैकड़ों समर्थक संतोष यादव को बाहर आने का इंतजार कर रहे थे साम करीबन छः बजे बाहर आने के बाद समर्थकों ने जोरदार स्वागत किया।
सत्ता पक्ष द्वारा रचे गए षडयंत्र का शिकार हुआ शिकार
हालांकि संतोष यादव ने इस पूरे मामले को सत्ता पक्ष द्वारा तैयार गया राजनैतिक षड़यंत्र बताकर पुलिस विभाग के तमाम बड़े अधिकारियों से मामले की जांच हेतु आग्रह भी किया था, समाज सेवी संतोष यादव ने बताया कि मैं एक पत्रकार भी था जब मेरे संज्ञान में आया ग्राम पंचायत बागरा में लाकडाउन अवधि में मनरेगा से स्वीकृत डाबरी निर्माण कार्य मे मजदूरों के स्थान पर नियम विरुद्ध जेसीबी मशीन से कार्य कराया जा रहा है तो मैंने इस खबर को प्रमुखता से प्रकशित किया ।
एक तो जीला पंचायत के चुनाव में कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी को मात दी थी दूसरी ओर भ्रष्टाचार के विरुद्ध खबर प्रकाशित किया जाना सत्ता पक्ष के लोगों को राश नहीं आई और उन्होंने मेरे खिलाफ षडयंत्र रचना शुरू किया, बस यही चीज बताने के लिए पुलिस विभाग के तमाम बड़े अफसर तथा छतीसगढ़ शासन के गृहमंत्री से भी गुहार लगाई परंतु सत्ता पक्ष के दबाव में कहीं से कोई उम्मीद न दिखाई देने पर अंततः पिछले सोमवार को उसने वाड्रफनगर पुलिस अनुविभागीय अधिकारी के समक्ष समर्पण कर खुद की गिरफ्तारी दी और उन्हें न्यायालय पेश किया गया जहां से उन्हें रामानुजगंज जेल देखिल कर दिया गया था ।
एक सप्ताह के ही अंतराल में माननीय न्यायालय द्वारा संतोष यादव को रिहा कर दिया गया समर्थकों ने सैकड़ो बाइक तथा गाजे बाजे के साथ रामानुजगंज जेल गेट से उनका स्वागत करते हुए सर्वप्रथम महामाया मंदिर जाकर माथा टेका तत्पश्चात लरंगसाय चौक आकर समर्थकों को संबोधित किया..
सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं
जेल से रिहा होने के बाद लरंगसाय चौक रामानुजगंज में समर्थकों को संबोधित करते हुए संतोष यादव ने कहा कि मैंने किसी प्रकार से प्रताड़ित नहीं किया है एक स्वतंत्र नागरिक होने के कारण मैंने चुनाव लड़ी और एक पत्रकार के हैशियत से भ्रष्टाचार के खिलाफ खबर प्रकाशित किया था मुझे नहीं मालूम था ।
कि जिला पंचायत चुनाव में कांग्रेस के अधिकृत प्रत्यासी को मात देने का सजा सत्ता पक्ष के द्वारा इतना बड़ा षड़यंत्र रचकर दिया जाएगा, बहरहाल झूठ की सौ डगर सच्चाई की सिर्फ एक डगर, संतोष यादव ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि ये जो रामानुजगंज विधानसभा की पूरे क्षेत्र में सत्ता पक्ष का आतंक अपनी पांव पसार रही है जल्द ही उसपे ब्रेक लगेगी अब तो लड़ाई आमने सामने की हो गई है हर जुल्म का हिसाब होगा बस सही समय का इंतजार करें ।
ततपश्चात समर्थकों ने भारी उत्साह के साथ सैकड़ो बाइक और दर्जनों फ़ॉर व्हीलर के साथ गाजे बाजे के साथ स्वागत करते हुए गृह ग्राम नावाडीह के आए है, संतोष यादव की रिहाई से समर्थकों में एक नया उत्साह देखने को मिली।
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