रायपुर। राजस्थान के कोटा में फंसे बच्चों को लेकर बसें वहां से निकल गई हैं। वापस घर लौटने की खुशी बच्चों के चेहरे पर साफ नजर आई। बच्चे काफी उत्साहित थे। वहीं कई बच्चों की आंखें भी भर आई। बच्चों ने जारी नियमों का पालन करते हुए एक-एक कर लाइन से बसों में संभागवार बैठते गए। चिकित्सकों और अधिकारियों की टीम द्वारा बच्चों की स्क्रीनिंग कर बसों में बैठाया गया। बच्चों को बसों में बैठाने से पहले सभी बसों को सेनिटाइज किया गया। छत्तीसगढ़ वापस लौटने पर इन बच्चों को 14 दिन के लिए क्वांरटाईन किया जाएगा।
प्रदेश के हजारों बच्चे कोटा-राजस्थान में लॉकडाउन के चलते फंसे हुए हैं। इन बच्चों को वापस सुरक्षित छत्तीसगढ़ लाने के लिए राज्य सरकार ने केन्द्र से अनुमति ली थी। इन बच्चों को वापस लाने के लिए राज्य से करीब 97 बसें कोटा-राजस्थान भेजी गई हैं। इन बसों के साथ कुछ अधिकारियों की तथा चिकित्सकों की टीम भी रवाना की गई हैं। सभी बसें कल देर रात कोटा पहुंची। आज शाम 6.30 बजे सभी बसें बच्चों को लेकर वापस छत्तीसगढ़ के लिए रवाना हुई।
जैसे ही बस कोटा पहुंची। बच्चे वापस अपने घर आने काफी उत्साहित नजर आए। बच्चों ने अपने घरों में फोन करके बस पहुंचे की सूचना भी हैं। इधर कोटा से आने वाले छात्रों को सीधे घर जाने की अनुमति नहीं होगी। इन सभी बच्चों को पहले 14 दिन क्वारंटाईन में रहना होगा। इस दौरान उनके स्वास्थ्य पर लगातार नजर रखी जाएगी। बच्चों को क्वारंटाईन में रखने और अन्य व्यवस्थाओं को लेकर अधिकारियों ने भी अपनी तैयारियां कर रखी हैं।
छात्र-छात्राओं ने महामारी के इस संकट में छत्तीसगढ़ घर वापसी के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल और इस व्यवस्था में शामिल पुलिस, चिकित्सा, परिवहन विभाग और प्रषासनिक अधिकारियों के साथ-साथ सभी बस चालक और परिचालकों का आभार व्यक्त किया है। छात्र-छात्रओं ने कहा है कि उनकी घर वापसी के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने जो व्यवस्था की है वह सराहनीय है।
इन छात्र-छात्राओं ने बसों के पहुंचने तथा चिकित्सा टीम और पुलिस के जवानों का ‘छत्तीसगढिया सबले बढिय़ा’ हर्ष ध्वनि कर स्वागत किया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा छत्तीसगढ़ के बच्चों की घर वापसी के लिए की गई पहल से छात्र-छात्राओं की मायूसी दूर हो गई है। भयंकर महामारी के इस संकट में दूर प्रदेश में अपने राज्य के अधिकारी-कर्मचारियों को अपने बीच पाक छात्रों के चहरों पर खुशी लौट आई है।
छत्तीसगढ़ के छात्र-छात्राओं को लाने के लिए भेजी गई चिकित्सा टीम ने फिजीकल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बच्चों की चिकित्सीय जांच की और संभाग वार तय की गई बसों में उन्हें लाने के लिए बैठने की व्यवस्था की है।
कोटा में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को वापस छत्तीसगढ़ लाने के लिए बस्तर संभाग के लिए 06, सरगुजा संभाग के लिए 24, रायपुर संभाग के लिए 16, दुर्ग संभाग के लिए 14, बिलासपुर संभाग के लिए 28 बसों की व्यवस्था की गई है।
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