रायपुर। महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री अनिला भेंडिय़ा ने कल ऑनलाइन एप के जरिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा की। उन्होंने मीडिया को छत्तीसगढ़ में कोरोना आपदा के दौरान राहत के लिए उठाए गए विभागीय कदमों के संबंध में जानकारी दी।
श्रीमती भेंडिय़ा ने बताया कि प्रदेश में कोरोना वायरस को हराने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से लेकर सभी कार्यकर्ता दिन-रात लगे हुए हैं। मुख्यमंत्री द्वारा टेलीफोन के माध्यम से नियमित मॉनीटरिंग की जा रही है।
इसके साथ ही स्वयं उनके और विभागीय सचिवों, अधिकारियों द्वारा वस्तुस्थिति का लगातार जायजा लिया जा रहा है। श्रीमती भेंडिय़ा ने कोरोना आपदा से निपटने में मीडिया के सक्रिय सहयोग के लिए भी उन्हें धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, समाज कल्याण विभाग के सचिव श्री प्रसन्ना आर. और महिला एवं बाल विकास विभाग के संचालक श्री जन्मेजय महोबे भी उपस्थित थे।
श्रीमती भेंडिय़ा ने बताया कि कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण के लिए सभी आंगनबाड़ी और मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रों को 13 मार्च से बंद किया गया है।
बच्चों और महिलाओं के पोषण स्तर को ध्यान में रखते हुए लॉकडाउन की अवधि में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा प्रदेश के 51 हजार 455 आंगनबाड़ी केन्द्रों के लगभग 24 लाख 38 हजार हितग्राहियों को घर-घर जाकर रेडी-टू-ईट पोषक आहार का वितरण किया गया।
मार्च माह तक का टेक होम राशन वितरण का काम पूरा हो चुका है और अप्रैल माह का वितरण हितग्राहियों को किया जा रहा है। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के अंतर्गत हितग्राहियों को गर्म भोजन के स्थान पर सूखा राशन वितरित करने की व्यवस्था की गई है। इसके तहत मार्च माह तक तीन लाख 34 हजार 630 हितग्राहियों को सूखा राशन प्रदान किया गया है।
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