कोरबा। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह इन दिनों प्रदेश भर में सुराज अभियान चला रहे हैं। लेकिन हकीकत को धरती पर सुराज का दावा खरा उतरता नजर नहीं आता। इसका जीता-जागता उदाहरण कोरबा का परिवहन व्यवसायी बृजेश त्रिपाठी है। अपनी समस्या को लेकर आवेदन पर आवेदन देकर थक चुके बृजेश त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री से सपरिवार आत्महत्या की अनुमति मांगी है।परिवहन व्यवसायी बृजेश त्रिपाठी लगभग दो दशक से यात्री बसों का संचालन करते रहे हैं। पत्नी, एक पुत्र और दो पुत्रियां का उनका छोटा सा परिवार है।
बृजेश त्रिपाठी की दुश्वारियां दो वर्ष पूर्व तक शुरू हुई, जब छत्तीसगढ़ शासन ने जन सुविधा के लिए सिटी बस संचालन की योजना बनायी। कोरबा में भी कोरबा अरबन पब्लिक ट्रांसपोर्ट सोसायटी बनाकर सिटी बस का संचालन प्रारंभ किया गया। सिटी बस संचालन का ठेका दुरगम्बा ट्रासपोर्ट नामक एक निजी कंपनी को दिया गया। निजी ठेका कंपनी ने कोरबा-मड़वारानी-चांपा मार्ग पर परमिट के लिए आवेदन किया। चूंकि इस मार्ग पर कोई भी समय अंतराल उपलब्ध नहीं था, निजी बसों का पूरे समय संचालन हो रहा था। लिहाजा निजी बस संचालकों ने आपत्ति दर्ज करायी। लेकिन परिवहन विभाग ने उनकी सुनवाई नहीं की। बल्कि निजी बसों के समय पर सिटी बसों के लिए समानान्तर परमिट जारी कर दिया गया।
बृजेश त्रिपाठी के अनुसार इसके बाद सिटी बस ठेकेदार ने निजी बसों के आगे-आगे बल पूर्वक सिटी बस का संचालन शुरू कर दिया। नतीजतन निजी बसें एक-एक कर बंद होने लगी। सिटी बस संचालक ठेकेदार की गैरकानूनी गतिविधियों की शिकायतों को प्रशासन ने हमेशा अनसुना कर दिया। बृजेश त्रिपाठी की तेरह (13) यात्री बसें बंद हो गयीं। अब बृजेश त्रिपाठी के सामने अपने परिवार के भरण पोषण की समस्या पैदा हो गयी है। परिवहन अधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री तक की गयी शिकायतों पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। बृजेश त्रिपाठी अब पूरी तरह निराश और हताश हो चुके हैं। उन्होंने 14 मार्च 2018 को मुख्यमंत्री के नाम आवेदन सौंप कर पन्द्रह दिवस में अपनी समस्या का निराकरण करने अथवा पत्नी, पुत्र और दो पुत्रियों सहित आत्महत्या करने की अनुमति देने की मांग की है।
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