बच्चे, जवान या बूढ़े, साइकिल चलाना हर किसी को पसंद होता है. साइकिल चलाने से सेहत को कई तरह के फायदे मिलते हैं. साइकिलिंग हार्ट फिटनेस, मसल्स स्ट्रेंथ के लिए काफी फायदेमंद मानी जाती है. साथ ही साइकिलिंग से हड्डियों को भी मजबूत मिलती है और बॉडी फैट भी कम होता है. कहा जाता है कि एक ही जगह पर बहुत देर तक बैठे रहने से नपुंसकता का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है, ऐसे में साइकिल चलाने से भी यह खतरा बढ़ जाता है.
इरेक्टाइल डिस्फंक्शन को नपुंसकता के रूप में भी जाना जाता है, इस स्थिति में व्यक्ति सेक्स के लिए पर्याप्त मात्रा में इरेक्शन पैदा करने और उसे मेनटेन रखने में असमर्थ होता है. अगर आपको बार-बार इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या का सामना करना पड़ता है तो इससे आपका स्ट्रेस बढ़ सकता है जो आपके आत्मविश्वास को प्रभावित कर सकता है और आपके रिश्ते में इसकी वजह से कई दिक्कतें आ सकती हैं. साथ ही इससे सेक्स करने की इच्छा पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है. यह बात रिसर्च में भी साबित हुई है.
इरेक्टाइल डिस्फंक्शन बनता है कारण
जब आप साइकिल चलाने के लिए इसकी सीट पर बैठते हैं तो इससे आपके प्राइवेट पार्ट्स क्रश होने लगते हैं. जिसका मतलब है इससे आपके प्राइवेट पार्ट्स की नशों पर काफी ज्यादा प्रेशर पड़ता है जो इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का कारण बनता है और आपकी फर्टिलिटी हेल्थ के लिए बिल्कुल भी सही नहीं माना जाता.
साइकिलिंग के दौरान, इसकी सीट के कारण प्राइवेट पार्ट और एनल के बीच में काफी ज्यादा प्रेशर पड़ता है. इस प्रेशर के कारण नशों को नुकसान पहुंचता है जिसकी वजह से कुछ समय के लिए ब्लड फ्लो धीरे हो जाता है. इसके चलते पुरुषों का प्राइवेट पार्ट सुन्न हो जाते हैं या उसमें झनझनाहट होने लगती है. कई बार इसकी वजह से इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या का भी सामना करना पड़ता है.
क्या कहती है रिसर्च?
पोलैंड में व्रोकला मेडिकल यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च में यह सुझाव दिया गया है कि इरेक्टाइल डिस्फंक्शन से बचने के लिए पुरुषों को साइकिल चलाते समय कुछ देर के लिए खड़ा जरूर होना चाहिए. रिसर्च में सुझाव दिया गया है कि साइकिल चलाते समय हर 10 मिनट के लिए पैडल पर खड़े हो जाएं. रिसर्च में यह भी बताया गया है कि सिर्फ सीट पर बैठने की वजह से ही आपका प्राइवेट पार्ट सुन्न नहीं होता. खराब सीट या गलत तरीके से साइकिल चलाने के कारण भी ऐसा हो सकता है.
हार्वर्ड की स्पेशल हेल्थ रिपोर्ट के मुताबिक, साइकिल चलाने से नर्व डैमेज हो जाती हैं और प्राइवेट पार्ट की आर्टरीज पर दबाव पड़ता है जिससे नपुंसकता की दिक्कत हो सकती है. स्टडी में पाया गया है कि यह समस्या उन पुरुषों में सबसे ज्यादा देखी जाती है जो हफ्ते में 3 घंटे से ज्यादा साइकिल चलाते हैं.
क्या आपको साइकिल नहीं चलानी चाहिए?
रिसर्च में जो जानकारी दी गई है उसका बिल्कुल भी ये मतलब नहीं है कि आपको साइकिल नहीं चलानी चाहिए. लेकिन जरूरी है कि आपको साइकिल चलाते समय कुछ बातों का खास ख्याल रखें ताकि इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या से बचा जा सके. अगर आप साइकिल चलाते समय थोड़ी-थोड़ी देर के लिए उठते रहेंगे तो इससे आपके प्राइवेट पार्ट में हवा पास होती रहेगी और नर्वस पर ज्यादा दबाव भी नहीं पड़ेगा. साथ इस बात का भी ख्याल रखें कि साइकिल की सीट चौड़ी और गद्दीदार हो ताकि इससे आपके प्राइवेट पर ज्यादा प्रेशर ना पड़े.
यूरोपियन यूरोलॉजी में हुई एक स्टडी में इस बात का पता चला है कि जब आप कम चौड़ी सीट पर बैठकर साइकिल चलाते हैं तो इससे प्राइवेट पार्ट में ऑक्सीजन की मात्रा 82.4 फीसदी तक कम हो जाती है. साथ ही ऑक्सीजन की सप्लाई 72.4 फीसदी तक घट जाती है.
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