मोहारा मेले में मंगलवार को ऐतिहासिक भीड़ उमड़ी। उम्मीद से दोगुनी भीड़ ने ट्रैफिक के तमाम प्लान को ध्वस्त कर दिया। वहीं पुलिस प्रशासन की कमजोर व्यवस्था से मेला रूट में जाम लगता रहा। दोपहर से शाम तक हर घंटे लंबे जाम की स्थिति बनती रही। इसकी बड़ी वजह भारी वाहनों को एंट्री देना भी रहा ।
दरअसल नंदई चौक से मोहारा मेला स्थल तक हर साल भारी वाहनों को प्रतिबंधित किया जाता है। इस बार भी पुलिस ने ऐसा दावा किया था, लेकिन धरातल पर ऐसी स्थिति नहीं दिखी। बस, ट्रक से लेकर दूसरे वाहन इसी रूट से आगे बढ़ते रहे। बालोद की दिशा से भी वाहनों की एंट्री रूट में जारी रही। इससे जाम की स्थिति निर्मित हो गई। शाम करीब 4 बजे मोहारा – नंदई के बीच में करीब दो घंटे का लंबा जाम लगा रहा। इस दौरान मरीज को लेकर आ रही एंबुलेंस भी फंस गई।
मौजूद लोगों ने समझदारी दिखाकर एंबुलेंस को रास्ता देने का प्रयास किया। लेकिन जाम की स्थिति ऐसी थी कि तमाम प्रयास भी विफल साबित होते रहे। जैसे तैसे दो घंटे के बाद जाम क्लियर हुआ। चार पहिया वाहन भी रुट में बेधड़क एंट्री करते रहे। इससे भी अव्यवस्था की स्थिति बन गई। मोहारा मेले को लेकर बनाया गया, ट्रैफिक पुलिस का सारा प्लान फेल साबित हुआ। कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान और दीपदान के लिए सुबह 3 बजे से ही श्रद्धालु शिवनाथ तट पर पहुंचने लगे थे।
हालाकि शिवनाथ के अलग-अलग घाट में पर्याप्त व्यवस्था की गई थी। लेकिन श्रद्धालुओं की भीड़ ऐसी उमड़ी कि इन घाटों की जगह भी कम पड़ने लगी। सूतक से पहले दीपदान और स्नान के लिए उमड़े श्रद्धालुओं से सभी घाट खचाखच भरे रहे। सुबह 8 बजे तक शिवनाथ में स्नान और दीपदान का दौर चलता रहा। इसके बाद सूतक काल के चलते श्रद्धालु सिर्फ मेले स्थल में ही पहुंचते रहे।
1 किमी. की दूरी तय करने में लगा एक घंटा- नंदई से मोहारा के बीच भीड़ की ऐसी स्थिति रही कि बाइक सवारों को भी 1 किमी. की दूरी करने तय करने में एक घंटे से अधिक का समय लग गया। यह स्थिति दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे तक बनी रही। दोनों दिशाओं से लोगों की बड़ी संख्या में आवाजाही बनी रही। इस स्थिति को नियंत्रित करने में पुलिस का सारा प्लान फेल साबित हुआ। भारी भीड़ के बाद भी श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ। देर शाम तक मेला स्थल पर लोगों की भीड़ पहुंचती रही। छोटे बच्चों को लेकर पहुंचीं महिलाएं परेशान होती रहीं।
भीड़ के सामने छोटा पड़ गया मेला स्थल, दिखा उत्साह
तीन दिवसीय मोहारा मेले के दूसरे दिन लोगों का उत्साह चरम पर रहा। सुबह से शाम तक मेले का लुत्फ उठाने लोग मोहारा पहुंचते रहे। सालों बाद मोहारा में ऐसी भीड़ पहुंची कि मेला स्थल भी छोटा लगने लगा। हर हिस्से में लोगों की खचाखच भीड़ मौजूद रही। शहर से लेकर आसपास के ग्रामीण इलाकों से भी बड़ी संख्या में लोग मोहारा मेला पहुंचे। बुधवार को मेले का तीसरा दिन होगा। बुधवार को ही तीन दिवसीय मेले का समापन भी होगा। मंगलवार शाम सांस्कृतिक प्रस्तुति देखने भी भीड़ उमड़ी रही।
मंदिरों के दिनभर बंद रहे पट, मोक्ष के बाद आरती
इधर चंद्रग्रहण और सूतक काल को देखते हुए शहर के सभी मंदिरों के पट दिनभर बंद रहे। कुछ मंदिरों में प्रतिमाओं को भी ढंककर रखा गया था। शाम में ग्रहण खत्म होने और मोक्ष काल के साथ मंदिरों में शुद्धिकरण की प्रक्रिया हुई। इसके बाद आरती पूजन भी हुआ। ग्रहण खत्म होने के बाद मंदिरों में दर्शन के लिए भी श्रद्धालु पहुंचते रहे। ग्रहण व सूतक काल के दौरान कार्तिक पूर्णिमा पर होने वाले दिन के धार्मिक आयोजनों पर भी ब्रेक लगा रहा। शाम से कई हिस्सों में धार्मिक आयोजन शुरू हुए। लोगों ने घरों में पूजा अर्चना भी की।
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