भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) खराब सड़क के चलते होने वाली घातक या गंभीर दुर्घटनाओं के लिए अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराएगा।
अथॉरिटी ने सर्टिफिकेट जारी करने की प्रक्रिया में शामिल एनएचएआई प्रतिनिधियों की लापरवाही पर गंभीरता से विचार किया है।
इस अनदेखी के कारण ही यात्रियों की सुरक्षा खतरे में पड़ती है। एनएचएआई की ओर से जारी सर्कुलर में इसकी जानकारी दी गई है।
सर्कुलर में कहा गया है, ‘यह ध्यान में आया है कि रोड मार्किंग, रोड साइनेज, क्रैश बैरियर जैसे सुरक्षा कार्यों को पंच सूची में रखकर सर्टिफिकेट जारी किए जा रहे हैं।
इससे न सिर्फ यात्रियों की सुरक्षा से समझौता होता है, बल्कि दुर्घटना/मौत होने पर एनएचएआई का नाम भी खराब होता है।’
मालूम हो कि लंबित कार्यों को एक श्रेणी के तहत रखा जाता है, जिसे पंच सूची कहा जाता है।
‘सर्टिफिकेट जारी करने से पहले जांच जरूरी’
एनएचएआई ने कहा, ‘यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सर्टिफिकेट जारी करने से पहले सड़क सुरक्षा से संबंधित सभी काम पूरे हैं।
घटिया सड़क इंजीनियरिंग कार्यों के चलते हुई किसी भी घातक सड़क दुर्घटना के लिए क्षेत्रीय अधिकारी/परियोजना निदेशक/स्वतंत्र इंजीनियर जिम्मेदार होंगे।’
पंच सूची को लेकर बरती जाएगी सख्ती
अथॉरिटी ने कहा कि पंच सूची में वही कार्य शामिल करने चाहिए, जो सड़क सुरक्षा से संबंधित नहीं हैं। इस सूची के कार्यों को 30 दिनों के भीतर पूरा करना चाहिए।
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले नितिन गडकरी ने कहा था कि कंसल्टेंट की ओर से तैयार विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) में गलतियां सड़क दुर्घटनाओं का मुख्य कारण हैं। उन्होंने कहा कि डीपीआर तैयार करने में कहीं अधिक सावधानी और कई गुना बदलाव लाने की जरूरत है।
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