नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) अपनी वाक पटुता के लिए जानी जाती हैं. उन्होंने एक बार फिर इस बात का परिचय एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में दिया. उन्होंने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) के नारे ‘‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’’ पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘घर पर लड़का है, पर लड़ नहीं सकता.’’
टाइम्स नाउ नवभारत चैनल के कार्यक्रम में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को लेकर भी व्यंग्य किया. स्मृति ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश में चुनाव विकास के मुद्दे पर लड़ा जाएगा और हम उम्मीद करते हैं कि नीति एवं विकास और लोकतंत्र को मजबूत करने पर विचार विमर्श होगा.’’
प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में 40 प्रतिशत सीटों पर महिला उम्मीदवारों को खड़ा करने की पिछले महीने घोषणा करते हुए ‘‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’’ का नारा दिया था. इस नारे को लेकर जब एंकर ने स्मृति से सवाल किया तो उन्होंने कहा, शायद प्रियंका कहना चाहती हैं कि ‘‘घर पर लड़का है, पर लड़ नहीं सकता.’’
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री ने महिला उम्मीदवारों को 40 फीसदी टिकट देने के प्रियंका गांधी के प्रस्ताव पर पलटवार करते हुए कहा, ‘‘इसका अर्थ यह है कि वह कह रही हैं कि वह महिलाओं को 60 प्रतिशत टिकट नहीं देना चाहतीं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह नहीं कह रही कि राजनीति और लोकतंत्र में लोगों को कोशिश नहीं करनी चाहिए. जीत और हार राजनीति का हिस्सा हैं. मैं भी 2014 में हार गई थी, लेकिन सवाल यह है कि लोगों का आपके प्रयासों पर कितना विश्वास है.’’
स्मृति ईरानी ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘क्या लोगों में उस व्यक्ति को लेकर भी यह भावना है?’’ उन्होंने कहा कि महिला नेताओं से यह अपेक्षा नहीं करनी चाहिए कि वे केवल समाज की महिला सदस्यों के लिए ही काम करेंगी.
यह सवाल पूछे जाने पर कि क्या भाजपा ध्रुवीकरण के फार्मूले पर काम करती है, उन्होंने कहा, ‘‘क्या आपको लगता है कि इस देश के नागरिक राजनीतिक विश्लेषण नहीं कर सकते और वह किसी फॉर्मूले के कारण वोट देंगे?’’
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गत 31 अक्टूबर को हरदोई में एक कार्यक्रम में कहा था कि महात्मा गांधी, सरदार वल्लभभाई पटेल, जवाहरलाल नेहरू और मोहम्मद अली जिन्ना बैरिस्टर बने तथा देश की आजादी के लिए संघर्ष किया और कभी इससे पीछे नहीं हटे. अखिलेश यादव के इस बयान पर स्मृति ने कटाक्ष करते हुए कहा कि यह तुलना फिर से दिखाती है कि ‘‘लड़के हैं, लड़ नहीं सकते.’’
उन्होंने कहा, ‘‘सरदार पटेल अतुलनीय हैं. पांच सौ रियासतों में एकता की भावना जगाने का श्रेय सरदार पटेल को जाता है. आप कल्पना कर सकते हैं कि उनका व्यक्तित्व कितना ‘विराट’ रहा होगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘क्या आप उस व्यक्ति की तुलना उस सज्जन (जिन्ना) से कर सकते हैं, जिन्होंने कहा था कि चलिए, धर्म के आधार पर हम देश को विभाजित करते हैं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘एक ने देश को एकजुट करने की दिशा में काम किया, जबकि दूसरे ने इसे तोड़ने की दिशा में काम किया.’’
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तुलना आईएसआईएस और बोको हरम से करने वाली सलमान खुर्शीद की हालिया किताब को लेकर ईरानी ने कहा कि उन्होंने (खुर्शीद ने) 15 साल पहले भी एक किताब लिखी थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि 1984 के दंगों में हिंदुओं और सिखों ने अपने पापों का भुगतान किया था.
Add Comment