जगदलपुर: बस्तर संभाग में चिटफंड कंपनियों में पैसे डूबा चुके निवेशकों को उनकी रकम वापस दिलाने के लिए सरकार सभी निवेशकों से उनकी जानकारी एकत्र कर रही है। पहले जानकारी एकत्र करने का काम 06 अगस्त तक होना था, लेकिन अब फॉर्म जमा करने की तारीख बढ़ा दी गई है, अब निवेशक डूबे हुए पैसों को वापस पाने के लिए 20 अगस्त तक फार्म जनपद पंचायत या कलेक्टोरेट के माध्यम से जमा कर सकते हैं।
बस्तर जिले में अभी तक करीब 02 हजार फॉर्म निवेशकों के जमा हो चुके हैं। इसी तरह बस्तर संभाग के सातों जिलों में चिटफंड कंपनियों में अपने पैसे डूबा चुके निवेशकों की भीड़ उमडऩे लगी है, निवेशकों की भीड़ से यह चर्चा का विषय बनता जा रहा है कि क्या निवेशकों के पूरे पैसे मिल पायेगा?
प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी निवेशकों के जितने भी फॉर्म जमा हो रहे हैं, उसे सूचिबद्ध किया जा रहा है, जिसे फॉर्मों के आधार पर डाटा तैयार किया जायेगा। बसतर जिले में अभी तक करीब दो हजार फॉर्म जमा हो चुके हैं, इसके बाद और भी आवेदन आयेगें, इसके अलावा बस्तर संभाग के सातों जिलों में भी निवेशकों के आवेदन के लिए भीड़ उमडऩे लगी है, जिसका आकड़ा नहीं मिला है।
जिले में सबसे ज्यादा पैसे साई प्रसाद, साई प्रकाश, रोज वैली, माइक्रो फाइनेंस जैसी कंपनियों में लोग निवेश किया था। इन कंपनियों ने जिले में अपने आलीशान ऑफिस खोले थे। पांच वर्ष में पैसे दोगुने करने का झांसा देकर पैसों की वसूल कर कुछ समय काम करने के बाद जब इन कंपनियों के फर्जी होने का अंदेशा हुआ और लोगों ने इनके खिलाफ शिकायत की। कंपनियों से ठगे जाने के बाद निवेशकों और एंजेंटों ने एक संघर्ष समिति का गठन भी किया।
संघर्ष समिति के शहजीत शाह बताते हैं कि अकेले बस्तर जिले में ही 03 हजार से ज्यादा लोगों को अलग-अलग कंपनियों ने ठगा है। एक जानकारी के अनुसार जिले से करीब 10 से 12 करोड़ रुपए का निवेश फर्जी कंपनियों में हुआ है। उन्होंने बताया कि पैसे वापसी का पूरा मामला कोर्ट, सेबी और इसी तरह के अन्य विभागों के चक्कर में फंसा हुआ है, उन्होंने यह भी बताया कि ज्यादातर फर्जी कंपनियों के मालिक जेल में बंद हैं, उनकी संपत्तियों को प्रशासन ने कुर्क किया है या उनकी खरीदी-बिक्री पर रोक लगा रखी है।
एडीएम अरविंद एक्का ने बताया कि फर्जी कंपनियों में जिन लोगों के पैसे डूबे हैं उन्हें वापस दिलवाने के लिए यह कवायद की जा रही है। अभी तक कितने फार्म आये हैं, यह बताना संभव नहीं है, क्योंकि अभी फार्म को सूचिबद्ध किया जा रहा है। उन्होने बताया कि लगभग 20 से 22 कंपिनयों के संबंध में हमारे पास जानकारी आई है जिसमें लोगों ने पैसे का निवेश किया था, जिनके पैसे डूबे हैं।
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