महासमुंद: पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के अधिकारी महाविद्यालयीन परीक्षा संपन्न कराने की तैयारियां शुरू कर दी है। सोशल मीडिया के माध्यम से महाविद्यालयों के प्राचार्यों से परीक्षा संपन्न कराने की प्रक्रिया के संबंध में कुल सचिव राय ले रहे हैं। वहीं अंतिम सेमेस्टर छोडक़र शेष सेमेस्टरों की परीक्षा संपन्न कराने के लिए भी प्राचार्यों को अपने स्तर पर विचार विमर्श करने के लिए कहा गया है।
हालांकि अभी निर्णय हुआ नहीं है, लेकिन परीक्षा संपन्न कराने के संबंध में जल्द ही विश्वविद्यालय निर्णय ले सकता है। संभवत: इस बार भी परीक्षार्थियों को ऑनलाइन क माध्यम से प्रश्न-पत्र सोशल मीडिया के माध्यम से भेजा जाएगा और घर बैठे परीक्षा विद्यार्थी घर बैठे परीक्षा लिखेंगे। इस पर निर्णय अगामी तीन से चार दिनों में होगा और आदेश भी जारी किया जाएगा ।
इस संबंध में कर्मा कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य रमेश देवांगन ने बताया कि विश्वविद्यायल के सोशल मीडिया ग्रुप पर प्राचार्यों से परीक्षा संपन्न कराने व किस प्रक्रिया के तहत परीक्षा ली जाए इस संबंध में कुल सचिव राय ले रहे हैं । सभी प्राचार्यों ने अपने-अपने राय ग्रुप में भेज दिए हैं । कुल सचिव ने तीन से चार दिन के अंदर विश्वविद्यालय के अधिकारियों से चर्चा के बाद परीक्षा के संबंध में आदेश जारी करने की बात कहीं हैं । वहीं अपने स्तर पर परीक्षा की तैयारी भी करने को कहा हैं ।
15 अप्रैल से होनी थी परीक्षा
रविवि की सेमेस्टर परीक्षा 15 मार्च से प्रारंभ कर दी गई थी । वहीं स्नातक व पीजी कक्षाओं की परीक्षा 15 अप्रैल से संपन्न कराने का निर्णय लिया था, लेकिन कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते परीक्षा स्थगित करना पड़ा । राजधानी में सबसे पहले लॉकडाउन हुआ वहीं रविवि के अधिकारी व कर्मचारी भी कोरोना पॉजिटिव हो गए थे। सेमेस्टर की एक या दो परीक्षा ही हो पाई है । इसके बाद सभी जिलों में एकाएक लॉकडाउन हो गए जो, जो वर्तमान में जारी है । ऐसे में परीक्षा आयोजन कराना संभव नहीं हो पा रहा है ।
12 अप्रैल तक ऑनलाइन आवेदन का था समय
कोरोना संक्रमण बढऩे के बाद पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय ने स्नातक व पीजी कक्षाओं के परीक्षा फार्म में भरने की तिथि में भी बढ़ोतरी की थी । पहले 26 मार्च तक अंतिम तिथि था । इसके बाद तिथि को बढ़ाते हुए विलंभ शुल्क के साथ 12 अप्रैल कर दिया था, लेकिन इससे पहले कई जिलों में लॉकडाउन लग गया था । अभी भी कई छात्र-छात्राएं ऑनलाइन आवेदन से वंचित हो गए है। इसके अलावा फॉम भरने के बाद हार्डकॉपी भी छात्र-छात्राओं ने महाविद्यालय मेें जमा नहीं किया है।
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