नई दिल्ली. प्रदूषण (Pollution) की लड़ाई में कई अभियान चलाए जा रहे हैं. बावजूद इसके लापरवाही हो रही है. इसी के चलते दिल्ली सरकार ग्रीन दिल्ली एप (Green Delhi App) ला रही है. साथ ही दीपावली (Deepawali 2020) को देखते हुए भी सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं. इको फ्रेंडली पटाखे (Green crackers) के अलावा अगर देशी पटाखे चलाए तो एक लाख रुपए जुर्माना (Fine) भरना होगा. सरकार इसके लिए 11 टीमों का गठन कर रही है. नवंबर से ये टीमें काम शुरू कर देंगी. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के भी आदेश है कि दिल्ली की हवा को खराब न होने दिया जाए. यह कहना है दिल्ली सरकार (Delhi Government) में मंत्री गोपाल राय का.
लोगों की जिंदगी पर असर डाल रहा है पटाखों का ज़हर
मंत्री गोपाल राय का कहना है कि पराली और दिवाली के पटाखे का धुआं हवा को ज़हरीला बना रहा है. यह हवा लोगों की जिंदगी पर असर डाल रही है. इसी के चलते सरकार ने निर्णय लिया है कि अदालत के आदेशानुसार दिल्ली के अंदर केवल ग्रीन क्रैकर्स यानी इको फ्रेंडली पटाखों का उत्पादन, बिक्री और इस्तेमाल किया जा सकेगा. क्योंकि इन पटाखों में सल्फ़र डाई ऑक्साइड और नाइट्रोजन बहुत कम मात्रा में होते हैं.
ग्रीन क्रैकर के उपयोग से जो धुआं होता है वो काफी कम होता है. हमारी एनओसी के मुताबिक दिल्ली में 93 उत्पादक एजेन्सी हैं जो फायर टेक्निक मिलाकर क्रैकर बना सकती हैं. इसी तरह के पटाखे आयात किए जा सकेंगे. यह लिस्ट हम वेबसाइट पर अपलोड कर देंगे.
फैक्ट्रियों और दुकानों में होगी चेकिंग
गोपाल राय ने यह भी बताया कि ग्रीन क्रैकर का इस्तेमाल हो रहा है या नहीं, इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया था. डीपीसीसी की तरफ से कल नोटिस जारी की जाएगी कि वो निगरानी करें. तीन नवंबर से एन्टी क्रेकर अभियान जारी करेंगे और ये दीवाली के बाद तक जारी रहेगा. इस अभियान के तहत पुलिस के सहयोग के साथ डीपीसीसी की तरफ से 11 टीमों का गठन कर रहे हैं. यह विशेष दस्ता जगह-जगह निर्माता और विक्रेता के यहां जाकर चेक करेंगे.
साथ ही उन्होंने सभी निर्माताओं और विक्रेताओं से अपील करते हुए कहा कि दिल्ली आपकी है. अपने हिस्से का प्रदूषण कम करें. नियमों का पालन करें. अगर किसी विक्रेता और उत्पादक के यहां ऐसा मेटेरियल पाया जाता है तो पर्यावरण नियमों के तहत कार्रवाई होगी और एक लाख रुपए तक जुर्माना लगाया जा सकता है.
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