छत्तीसगढ़ में नौतपा भीषण गर्मी के लिए जाना जाता है, लेकिन इस बार नौ में से छह दिन गर्मी नहीं पड़ी है। राजधानी समेत प्रदेश के लगभग सभी हिस्से में दोपहर का तापमान 41 डिग्री या उससे नीचे चल रहा है। यह सामान्य से भी कम है। लगातार छह दिन तक अलग-अलग सिस्टम से आई नमी और लगातार बादल-बारिश के कारण ऐसा हुआ है।
मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि नौतपा 2 जून को खत्म होगा और तब तक दोपहर में गर्मी पड़ने के आसार नहीं है। इसके तुरंत बाद प्री-मानसून हलचल शुरू हो जाने की संभावना है। प्रदेश में गर्मी के ज्यादातर रिकार्ड नौतपा के शुरुआती यानी मई के आखिरी हफ्ते के ही हैं।
राजधानी में नौतपे में तापमान 46 डिग्री के पार जा चुका है। बिलासपुर में तीन साल पहले पारा 48 डिग्री से अधिक हुआ था। मैदानी इलाकों में नौतपे के पहले हफ्ते में औसतन 44-45 डिग्री रहा, लेकिन रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर में मई के अंतिम हफ्ते में तापमान 46 डिग्री तक भी पहुंच चुका है।
लेकिन इस बार बादल व बारिश ने गर्मी कम की है। रविवार की तुलना में सोमवार को अधिकतम तापमान 1 से 2.2 डिग्री कम हुआ है। राजधानी में अधिकतम तापमान 41.2 डिग्री दर्ज किया गया, जो सामान्य से एक डिग्री कम है। पिछले 24 घंटे में रायपुर व आसपास बारिश तो नहीं हुई, लेकिन बादलों के कारण गर्मी नहीं पड़ी। राजनांदगांव में 1.5 सेमी, जशपुर में 1 सेमी बारिश तथा दुर्ग और अंबिकापुर में बौछारें पड़ी हैं।
झारखंड के ऊपर चक्रवात
मौसम विज्ञान केंद्र लालपुर के मौसम विज्ञानियों के अनुसार झारखंड के ऊपर 0.9 किमी की ऊंचाई पर चक्रवात है। उत्तर-पश्चिम राजस्थान से बांग्लादेश तक 1.5 किमी ऊंचाई पर द्रोणिका बन गई है। इसके असर से 31 मई को एक-दो स्थानों पर अंधड़ के साथ बारिश के आसार हैं।
गर्मी को ऐसे समझें
रायपुर में 10 साल में सर्वाधिक गर्मी 27 मई 2012 को 46.3 डिग्री थी।
बिलासपुर में सर्वाधिक तापमान 26 मई 2012 में 46.4 डिग्री दर्ज किया।
दुर्ग में 27 मई 2015 को अधिकतम तापमान 46.4 डिग्री दर्ज किया गया।
अंबिकापुर में 25 मई 2013 को पारा 44.8 डिग्री रहा।
रायपुर में मई का ओवरआल रिकार्ड 48 डिग्री है, जो 1988 में दर्ज हुआ।
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