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Omicron in India: ओमिक्रॉन बना रहा भयावह तस्वीर! देश में दूसरी लहर से ज्यादा तेजी से बढ़ रहा कोविड

नई दिल्ली. कोरोना वायरस (Coronavirus) का नया वेरिएंट ‘ओमिक्रॉन’ (Omicron) संक्रमण के मामले में पिछले सभी स्वरूपों को पछाड़ता हुआ नजर आ रहा है. हाल ही में सामने आए कुछ आंकड़ों से इस बात के संकेत मिले हैं. हालांकि, जानकारों का मानना है कि ओमिक्रॉन के चलते आंकड़ों में इजाफा होने के बाद भी अस्पताल में भर्ती होने की दर कम है. वहीं, संक्रमित होने के बाद गंभीर रूप से बीमार होने की रिपोर्ट्स भी कम सामने आई हैं.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में रविवार को 33 हजार 647 नए मरीज मिले. 17 सितंबर या कहें कि 107 दिनों के बाद एक दिन में यह आंकड़ा सबसे ज्यादा है. 2 जनवरी को खत्म हुए सप्ताह में हर रोज औसतन कोविड के 18 हजार 290 नए मामले सामने आए. एचटी के आंकड़ों के अनुसार, 12 अक्टूबर के बाद यह सात दिनों के औसत सबसे ज्यादा है.

आंकड़ों के लिहाज से बीते ढाई महीनों में मामलों की यह सबसे खराब दर है. वहीं, जिस दर से यह बढ़ रहे हैं, वह भी चिंताजनक है. 25 दिसंबर को खत्म हुए सप्ताह में सात दिनों का राष्ट्रीय औसत 6 हजार 641 पर था. इस लिहाज से केवल एक हफ्ते में नए संक्रमण की दर 175 फीसदी तक बढ़ गई. 9 अप्रैल 2020 के बाद यह सबसे बड़ा साप्ताहिक इजाफा है. दूसरी लहर के दौरान भी आंकड़े 75 फीसदी की दर से बढ़े थे. रिपोर्ट के अनुसार, अगर कोरोना संक्रमण की मौजूदा दर बनी रहती है, तो सात दिनों के अंदर रोज मिलने वाले मामलों की संख्या दोगुनी होकर 36 हजार हो सकती है.

दिल्ली में रविवार को 3 हजार 194 नए मरीज मिले, जिससे सात दिनों की औसत 1538 हो गई. एक हफ्ते पहले से तुलना की जाए, तो यहां संख्या 832 फीसदी बढ़ी है. इसी तरह मुंबई में रविवार को 8 हजार 63 नए मामले मिले, जिससे रोज मिलने वाले औसतन मरीज 3 हजार 994 हो गई. यहां 624 प्रतिशत का इजाफा देखा गया. भारत में जारी ट्रैंड दिखाता है कि रोज मिलने वाले मामलों की दर (संक्रमण के नए मामलों का साप्ताहिक औसत) डेल्टा समेत पिछली लहरों से ज्यादा तेजी से बढ़ी है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इस बात की पुष्टि की थी. संगठन ने 19 दिसंबर को कहा था कि ओमिक्रॉन, डेल्टा से ज्यादा तेजी से फैल रहा है. WHO निदेशक टेडरोस अधानोम घेब्रेयसस ने कहा था, ‘इस बात की संभावना है कि टीकाकरण करा चुके या कोविड-19 से उबर चुके लोग संक्रमित या दोबारा संक्रमित हो सकते हैं.’

मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के पूर्व प्रमुख डॉक्टर केके तलवार के अनुसार, शुरुआती डेटा बताता है कि अन्य पिछली लहरों की तुलना में ओमिक्रॉन के लक्षण हल्के हैं और अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत भी कम है. उन्होंने कहा, ‘अन्य देशों में अन्य वेरिएंट्स की तुलना में अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत कम है.’ उन्होंने चेताया कि ओमिक्रॉन हल्की बीमारी का कारण बनता है के इस संदेश से हो सकता है कि लोग संक्रमण को हल्के में लें और पर्याप्त सावधानियां न बरतें.

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