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जेम्स एंड ज्वेलरी सेक्टर की बजट से उम्मीद

नई दिल्ली। 1 फरवरी 2018 को पेश होने वाले आगामी आम बजट से जेम्स एंड ज्वैलरी सेक्टर को काफी सारी उम्मीदें हैं। सेक्टर चाहता है कि सोने पर लगने वाले 10 फीसद आयात शुल्क को घटाकर 4 फीसद कर दिया जाए। साथ ही वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संबंधी समस्या को सुलझाया जाना भी सेक्टर की प्रमुख मांगों में से एक है। गौरतलब है कि यह बजट एनडीए सरकार का आखिरी पूर्णकालिक बजट है।
क्या कहना है एक्सपर्ट का: नेमीचंद बमाल्वा एंड सन्स, कोलकाता के पार्टनर बछराज बमाल्वा ने बताया कि जेम्स एंड ज्वैलरी सेक्टर कस्टम ड्यूटी में बड़ी राहत चाहता है। इसके अलावा सेक्टर चाहता है कि जेम्स एंड ज्वैलरी सेक्टर से जुड़े कारीगरों के लिए कुछ इंसेंटिव की घोषणा की जाए। हालांकि जीएसटी बजट का विषय नहीं है लेकिन जीएसटी में जो समस्याएं आ रही हैं उनको देखा जाना चाहिए फिर उसे चाहे बजट में देखा जाए या फिर बजट के बाद। जेम्स एंड ज्वैलरी सेक्टर की बड़ी समस्या एक्सपोर्ट के मोर्चे पर जीएसटी रिफंड नहीं मिल रहा है। कारीगरों के लिए कुछ न कुछ जरूर किया जाना चाहिए क्योंकि बिजनेस का वाल्यूम काफी कम हो गया है। कारीगरों को नियमित काम नहीं मिल पा रहा है। इनमें से अधिकांश सेल्फ इंप्लॉयड स्किल्ड (कुशल) लोग हैं। इसके अलावा हाउसिंग पैकेज या बेहतर कामकाजी माहौल को उपलब्ध करवाने जैसी सहूलियतों पर काम करना चाहिए। इनके लिए जेम्स एंड ज्वैलरी पार्क की घोषणा की जा सकती है।

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