रायपुर। राज्य सरकार की लापरवाही के चलते प्रदूषण खतरनाक स्थिति तक पहुंच चूका है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने छत्तीसगढ़ के रायपुर, कोरबा, भिलाई-दुर्ग में रेड व ऑरिंज श्रेणी के नए उद्योग एवं उद्योगों के विस्तार पर रोक लगा दी है।
देश के 100 शहरों में रोक लगाई गई है। ग्रीन और वाइट श्रेणी के साथ नियम मानने वाले उद्योग प्रतिबंध से बाहर रहेंगे। केन्द्रीय नियंत्रण बोर्ड के 2018 के सच में 100 शहरों में प्रदूषण सूचकांक औसत से काफी अधिक मिला। इनमें छत्तीसगढ़ के तीनों शहर, मध्यप्रदेश के 6 और राजस्थान के चार शहर खतरनाक प्रदूषण की सूची में हैं।
एनजीटी ने कहा, किसी को भी यह अधिकार नहीं है कि प्रदूषण फैलाकर व्यापार करे। एनजीटी ने राज्यों के प्रदुषण नियंत्रण मंडलों को निर्देश दिए हैं कि वह ऐसी इकाइयों पर कार्रवाई करे।
प्रदूषण कभी सरकारों के लिए बड़ा मुद्दा नहीं रहा। इसलिए नियंत्रण के गंभीर प्रयास नहीं हुए ।चुनाव से लेकर विधानसभा और संसद तक इस पर कभी गंभीर चर्चा नहीं होती। कुछ नेता बोलते हैं लेकिन उन्हें अनसुना कर दिया जाता है। उलटे प्रदूषण फैलाने वालों को कार्रवाई से बचाने के लिए राजनीति होती है।
रेड श्रेणी के प्रमुख उद्योग
बड़े होटल, रासायनिक ऑटोमोबाइल उत्पादन, खतरनाक वेस्ट रिसाइकिल, ऑयल व ग्रीस उत्पादन, लेड एसिड बैटरी, पावर उत्पादन प्लांट, दूध प्रसंस्करण व डेयरी उत्पाद, सीमेन्ट पल्प व पेपर ब्लीचिंग, थर्मल पावर प्लांट, बूचडखाना।
ओरेंज श्रेणी के उद्योग
अलमारी व ग्रिल बनाने की फैक्ट्री, 20 हजार वर्ग मीटर से अधिक भवन निर्माण, प्रिंटिंग प्रेस, स्टोन क्रेशर्स, ट्रांसफार्मर मरम्मत होट मिक्स प्लांट, नए हाइवे निर्माण प्रोजेक्ट
इन शहरों में प्रदूषण का खतरा
मध्यप्रदेश इंदौर, मंडीदीप, ग्वालियर, नागदा- रतलाम, देवास, पीतामपुर राजस्थान जयपुर, जोधपुर, पाली और भिवाड़ी
यह भी देखें :
मौसम खराब…4 फ्लाइट कैंसिल…मौसम खुलने तक करना होगा यात्रियों को इंतजार…
Add Comment