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जनरल डिब्बों के यात्रियों को जल्द मिलेगी कचकच से मुक्ति… रेलवे जल्द अपनाने जा रहा है ये सिस्टम….

एक्सप्रेस ट्रेनों के जनरल बोगियों में सवार होना कितनी मुश्किल होता है, ये ट्रेन के यात्री ही जानते हैं। एक-दो मिनट रूकने वाली ट्रेनों में सवार होना खासकर, जनरल बोगियों में आसान नहीं होता। काफी मशक्कत के बाद सवार भी हो गए तो सीट के लिए हाय तौबा मच जाती है। लिहाजा, अब रेलवे बायोमीट्रिक सिस्टम से एंट्री का प्लान बनाने जा रहा है।

मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक, इसका सफल परीक्षण पुष्क एक्सप्रेस में हुआ। इसके बाद रेलवे जल्द ही अन्य ट्रेनों में ही इसको मूर्तरूप दे सकता है। बताया जा रहा है कि इसमें पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर सीटें मिलेंगी। इसके लिए रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने खास पहल की है।

मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनस से लखनऊ के लिए चलने वाली पुष्पक एक्सप्रेस में बायोमीट्रिक सिस्टम का ट्रायल सफल रहा है. जिसके बाद धीरे-धीरे अब अन्य ट्रेनों में भी इस उपाय को लागू कर भीड़ प्रबंधन की तैयारी है।



सिस्टम लागू होने से बायोमीट्रिक मशीन से गुजरने के बाद ही यात्री डिब्बों में सवार हो सकेंगे। रेल मंत्री पीयूष गोयल के निर्देश में आम रेल यात्रियों की तकलीफों को दूर करने के मद्देनजर आरपीएफ की ओर से की गई यह पहल स्टेशनों पर यात्रियों की भीड़ संभालने में बेहद मददगार मानी जा रही।

दरअसल, दिल्ली, मुंबई आदि स्टेशनों पर यात्रियों की भारी भीड़ जुटती है. बड़ी तादाद में लोग अनारक्षित यानी जनरल डिब्बों में सफर करते हैं. जनरल डिब्बों में चढऩे के लिए यात्रियों में मारामारी मचती है. सीट के चक्कर में ट्रेन चलने के घंटों पहले से ही यात्री डटे रहते हैं।

इसे देखते हुए आरपीएफ के डीजी अरुण कुमार ने ट्रायल के तौर पर पहले लंबी दूरी की और बहुत भीड़भाड़ वाली पुष्पक एक्सप्रेस में बायोमीट्रिक सिस्टम लागू करने की योजना बनाई. डीजी अरुण कुमार ने पाया कि तकनीक के इस्तेमाल से क्यू मैनेजमेंट में मदद मिली. प्लेटफॉर्म पर भगदड़ की नौबत खत्म हुई. यात्री आसानी से बोगियों में सवार होने लगे।
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ऐसे काम करेगा बायोमीट्रिक सिस्टम
जब आप स्टेशन पर पहुंचेंगे तो संबंधित ट्रेन में सवार होने के लिए आपको बायोमीट्रिक सिस्टम से गुजरना होगा। आपको मशीन में अंगुली लगाकर फिंगर प्रिंट देना पड़ेगा. फिंगर प्रिंट देने के बाद बोगी में आपके लिए सीट रिजर्व हो जाएगी। इसके बाद आप बेफिक्र हो सकते हैं. आपको प्लेटफॉर्म पर ही डटे रहने की जरूरत नहीं.

जब ट्रेन का समय होगा, तब आप मौके पर पहुंचकर और फिर से अपना फिंगर प्रिंट मैच कराने पर आपको आरपीएफ की ओर से बोगी में एंट्री मिल जाएगी। बोगी की जितनी क्षमता होगी, उतनी ही मशीन फिंगर प्रिंट लेगी।

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