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दलहन की घटती कीमतों से किसान चिंतित

नई दिल्ली। दलहन जैसी प्रमुख ऐग्रिकल्चर कमोडिटी के दाम तेजी से गिरे हैं। खाने-पीने की चीजों की महंगाई घटाने और भंडारण बढ़ाने पर सरकार के जोर और बाजार में खेतों से नई सप्लाइ आने के कारण दालों के दाम घटे हैं। अधिकतर किसानों पर रबी सीजन की फसलों (जाड़े के सीजन वाली फसलें) में नुकसान होने का साया मंडरा रहा है। अरहर का दाम तो सरकारी सपोर्ट प्राइस से भी 20 पर्सेंट नीचे चला गया है। कई मसालों के दाम भी घटे हैं। वहीं आमतौर पर महंगे बिकने वाले अनार की कीमत एक दशक के निचले स्तर पर आ गई है। ट्रेडर्स ने कहा कि प्याज का दाम अपेक्षाकृत ऊंचा है, लेकिन किसानों ने इसकी इतनी खेती कर ली है कि अप्रैल में इसके दाम लुढ़क सकते हैं। उन्होंने कहा कि जीरा, धनिया और सरसों के दाम पर भी दबाव है। किसानों और कारोबारियों का कहना है कि स्थिति तभी संभल सकती है, जब सरकार अनाज की खरीद बढ़ाए और कीमतों को सपोर्ट देने के लिए प्याज निर्यात की इजाजत दे। कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने इससे सहमति जताई। सिंह ने ईटी से कहा, ‘मिनिमम सपोर्ट प्राइस में बढ़ोतरी हो रही है, लेकिन अभी गंभीर मुद्दा किसानों से एमएसपी रेट पर खरीदारी सुनिश्चित करने का है।’

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